उदयपुर। रेलवे मंत्रालय ने देश में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 30 रेल परियोजनाओं को प्राथमिकता से लेते हुए उनके कार्यो को समय पूरा करने के लिए पर्याप्त बजट दिया है। चुनिंदा सेक्टरों में रेलगाडियों की गति बढ़ाना तय किया है,लेकिन इन दोनों ही प्राथमिकताओं में राजस्थान शामिल नहीं है।
रेल मंत्रालय ने देश में बुलेट ट्रेनों के लिए पूरी तरह से नई संरचना की आवश्यकता जताते हुए मौजूदा नेटवर्क को अपग्रेड करके चुनिंदा सेक्टरों में रेलगाडियों की गति 160-200 किमी. प्रतिघंटा बढ़ाना तय किया है । इससे बेहतर सेवाओं के साथ यात्री कम समय में गन्तव्य तक आ जा सकेंगे। इन चुने हुए सेक्टर में दिल्ली-आगरा, दिल्ली-चण्डीगढ़, दिल्ली-कानपुर, नागपुर-बिलासपुर, मैसूर-बेंगलूरू-चैन्नई, मुम्बई-गोवा, मुम्बई-अहमदाबाद, चैन्नई-हैदराबाद और नागपुर-सिकन्दराबाद शामिल है। इस सूची से स्पष्ट है कि राजस्थान रेलवे की प्राथमिकता से परे है। रेल परियोजनाओं में राजस्थान की उपेक्षा की गई है जबकि देश के कुल भू-भाग का 10 प्रतिशत क्षेत्रफल व पांच प्रतिशत आवादी राजस्थान में निवास करती है। बावजूद इसके रेल योजनाओं की प्राथमिकताओं में उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन तथा रतलाम-डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा नई रेललाइन को शामिल नहीं किया है । काम को गति देने राशि आवंटन तो दूर की बात है।
30 सर्वोच्च प्राथमिक रेल परियोजनाएं और आवंटित राशि
रेलवे बोर्ड निदेशक (प्लानिंग) एसजे सिन्ना के अनुसार अंजनी-वरधा तीसरी लाइन 15 करोड़ रूपए, दौंड-गुलबर्ग डबलिंग 275 करोड़, गरवा रोड-रमना डबलिंग 30 करोड़, हाजीपुर-रामदयालुनगर डबलिंग 50 करोड़, झरसुगुंडा-रेंगली डबलिंग 10 करोड़, सुकिंडा-झाजपुर बाइपास लाइन डबलिंग 10 करोड़, खुर्दा रोड-बारंग डबलिंग 12 करोड़, रजतगढ़-बारंग डबलिंग 10 करोड़, सैंथिया-मुराराई तीसरी लाइन 40 करोड़, टीनपहर-कहलगान डबलिंग 70 करोड़, कानपुर-मुगलसराय ऑटो सिग्नल 25 करोड़, सिवान-गोरखपुर-बाराबंकी इलेक्टीफिकेशन 12 करोड़, लूम्डिंग-सिलचर गेज कन्वर्जन 620 रूपए, उत्रेतिया-जफराबाद डबलिंग 130 करोड़, पठानकोट-जम्मू तवी-उधमपुर इलेक्ट्रीफिकेशन 9 करोड़, रेवाड़ी-हिसार भिवानी-रोहतक सूरतगढ़-भटिण्डा कन्वर्जन 21 करोड़, काजीपत-विजयावाड़ा तीसरी लाइन 20 करोड़, सिनी-आदित्यपुर तीसरी लाइन 50 करोड़, गोयलकेरा-मनोहरपुर तीसरी लाइन 78 करोड़, बिलासपुर-अनुपुर डबलिंग 31 करोड़, चम्पा-झरसुगुंडा तीसरी लाइन 50 करोड़, थनजावुर-पोनमलाई डबलिंग 25 करोड़, मंगलौर जंक्शन-पनमबुर डबलिंग 42 करोड़, मदुराई-टूटीकोरिन-नागरकोइल इलेक्ट्रीफिकेशन 18 करोड़, चिकजापुर-अरसीकेरे डबलिंग 130 करोड़, कटनी-सिगरौली सिडींग वर्क, भोपाल-बीना तीसरी लाइन 48 करोड़, कोटा-बीना डबलिंग 42 करोड़, लैलापुर-सुनर व वानी आरडी-साबली डबलिंग 87 करोड़ तथा उधना-जलगांव डबलिंग के लिए 300 करोड़ रूपए आवंटित किए।
प्रमुख योजनाओं में शून्य
रेल गति बढ़ाने और सर्वोच्च प्राथमिक योजनाओं, दोनों में ही राजस्थान को शून्य हिस्सा प्राप्त हुआ है। दोनों योजनाओं में राजस्थान की एक-एक परियोजना शामिल करनी चाहिए। गोपीराम अग्रवाल, अध्यक्ष राजस्थान ट्रायबल एरिया विकास समिति बांसवाड़ा