पांच दिन से मटमैला पानी

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href=”http://www.udaipurpost.com/?attachment_id=28166″ rel=”attachment wp-att-28166″>download (1)उदयपुर। धरती में पानी क्या पलटा, शहर में घर-घर के परिण्डों में पानी का रंग बदल गया है। जलदाय विभाग पिछले 4-5 दिन से शहर के लोगों को मटमैला पेयजल सप्लाई कर रहा है। जलाशयों से फिल्टर प्लांट तक मिट्टीयुक्त पानी पहुंचने के कारण विभाग के प्लाण्ट इसे साफ करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। ऎसे में दूषित पानी की आशंका में कई लोग पीना तो दूर, इस पानी से नहाने-धोने से भी कतरा रहे हैं। हालांकि विभाग का दावा है कि पानी मिट्टीयुक्त जरूर है लेकिन बैक्टेरियामुक्त है। कुछ समय तक स्टोरेज कर इसे काम में लिया जा सकता है।

शहर में सोमवार रात बारिश के बाद जैसे ही प्रमुख जलाशयों की तस्वीर बदली, घरों में मटमैला पानी आने की शिकायतें उठने लगीं। लोगों का कहना है कि आपूर्ति के दौरान शुरूआती पानी अधिक मटमैला आता है। 15 से 20 मिनट बाद मिट्टी कम हो जाती है लेकिन पानी साफ नहीं बल्कि पीला ही आता है।

आपूर्ति 80 एमएलडी
शहर में 85 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) की मांग के मुकाबले विभाग फिलहाल जयसमंद, पिछोला, फतहसागर, मानसी वाकल आदि से प्रतिदिन 80 एमएलडी पानी ले रहा है। यह पानी सीधा फिल्टर प्लांटों में पहुंचता है। इसके बाद सम्बन्घित क्षेत्रों की टंकियां भरी जाती हैं।

यहां हैं फिल्टर प्लांट
शहर का सबसे बड़ा प्लांट नांदेश्वर में है। इसके अलावा दूधतलाई, तीतरड़ी, गुलाबबाग, फतहसागर, नीमजमाता में प्लांट है। गुलाबबाग प्लांट से गुरूवार को फिल्टर होने के बावजूद पानी मटमैलापन नहीं छोड़ पा रहा था।

फिटकरी की खपत 4 गुणा
विभाग के पास यह पानी को साफ करने का एकमात्र उपाय फिटकरी है। विभागीय अधिकारियोें की मानें तो पिछले 4-5 दिन से फिटकरी की खपत बढ़कर चार गुना हो गई है। इसके बावजूद 70 से 75 प्रतिशत पानी ही साफ हो पा रहा है। हालांकि विभाग का कहना है कि क्लोरिनेशन भी हो रहा है। हर कनेक्शन तक 0.5 पीपीएम क्लोरिनेटेड पानी पहुंच रहा है।

दो घंटे स्टोरेज रखें, फिर काम में लें
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जलाशयों में पानी बढ़ता है तो पानी में मिट्टी घुलने का प्रतिशत बढ़ जाता है। मिट्टी अधिक होने पर पानी को 2-3 घंटे तक पात्र में रखें। इससे मिट्टी के कण नीचे बैठ जाएंगे। इसके बाद पानी को पीने के काम में लें।

बीमार हो सकते हंै, स्वच्छ करके ही पीएं
झीलों-तालाबों में बारिश का पानी जमा हो रहा है। इसमें गंदगी भी समाहित हो रही है इसलिए ऎसा पानी सीधा न पीएं। इससे पेटदर्द, उल्टी-दस्त, टायफाइड जैसे रोग हो सकते हैं। पानी को स्वच्छ करके ही पीएं।
– डॉ. डीपी सिंह, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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