श्रीनगर एयरपोर्ट के बाहर एक लाख से ज्यादा लोग खड़े हैं। उनके पास पैसे नहीं हैं। क्रेडिट और डेबिट कार्ड काम नहीं कर रहे। मैं इसलिए निकल पाया, क्योंकि पैसे का इंतजाम कर लिया था। एअर इंडिया ने मुझसे 16,000 रूपए किराया लिया।” यह आपबीती है जोधपुुर के कमला नेहरू नगर निवासी कपिल गुप्ता की, जो बुधवार को ही श्रीनगर से सकुशल लौटे हैं।
एअर इंडिया ने इतना ज्यादा किराया उसी दिन वसूला, जब डीजीसीए ने सभी विमानन कंपनियों से बाढ़ पीडितों के लिए श्रीनगर और लेह से दिल्ली का किराया 2800 से 3000 रूपए तक रखने के आदेश जारी किए थे।
कपिल एअर इंडिया की आईए659 उड़ान से दोपहर 3.15 बजे श्रीनगर से रवाना हो 4.45 नई दिल्ली पहुंचे और गुरूवार सुबह जोधपुर पहुंचे। श्रीनगर के जवाहर नगर इलाके में उनका दफ्तर और घर है। वह निजी कंपनी में मैनेजर हैं।
आलू 150 रू. किलो, फटा दूध मिला
कपिल ने बताया, वहां आलू 150 रूपए किलो मिल रहे थे, वो भी खराब। दूध की थैली एक्सपायरी डेट वाली मिली। गर्म किया तो दूध फट गया। प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही थी। जनता ने अपने स्तर पर नाव चलाई। सेना महिलाओं, बच्चों और वीआईपी लोगों को पहले निकाल रही थी। सेना लोगों को मालवाहक “डकोटा” जहाज से ला रही है।
कपिल ने बताया, बुधवार सुबह 8 बजे जलस्तर 15 फीट था। तब एक शिकारा (छोटी नाव) नाविक ने जवाहर नगर से एयरपोर्ट तक छोड़ने के आठ हजार रूपए वसूल किए। पत्नी मीनू गुप्ता ने बताया, कपिल से रविवार के बाद संपर्क टूट गया था। उनका फोन काम नहीं कर रहा था। मैंने तय किया था कि जब वे घर आएंगे, तभी दीपक रोशन होगा।
बेटा रात को सोता नहीं था। बुधवार को 11.15 बजे फोन आया तो बेटे ने उठाया। फोन सुनकर इतनी खुशी हुई कि हड़बड़ाहट में समझ में ही नहीं आया कि क्या कहूं। गुरूवार सुबह कपिल ने घर पहुंचते ही सबसे पहले दीपक रोशन किया।
बस, मौत के मुंह से लौटे
कश्मीर घूमने गए नवदंपती निखिल व मोना गुरूवार को घर लौट आए। दोनों बोले-बस, मौत के मुंह से लौटे हैं। चारों ओर पानी। न बिजली, न नेटवर्क। सिर छिपाने को जगह की तलाश में भटकते हुए छह लोग साथ हो गए। जहां स्थानीय दुकानदार ने पानी तक देने से मना किया, वहीं अन्य परिवार ने 3 दिन बिना पैसे लिए पनाह दी। 9 सितंबर को सेना ने श्रीनगर पहुंचाया, जहां से दिल्ली तक लौटे और घर पहुंचे।