वसुंधराराजे से आग्रह
बहाल करो झीलों की मूल सीमाएं
श्रमदान में निकाली खरपतवार एवं गन्दगी
उदयपुरद्य , पिछली सरकार ने षडयंत्र पूर्वक राजस्थान की समस्त झीलों की मूल सीमायेँ बदल दी द्य यह षड़यंत्र उदयसागर में एक टापू पर होटल को मंजूरी देने के लिए किया गया द्य लेकिन इससे राजस्थान की समस्त झीले छोटी हो गई द्य झीलोंको जीवित रखने वाला इको सेंसिटिव जोन समाप्त हो गयाद्यझीलों की अरबो रुपयों की लागत की पेटा भूमि भूमाफिया के हवाले हो गईद्य
आश्चर्य यह की ऐसा करने में मूल सीमाओं सम्बन्धी राजकीय अधिसूचनाएवेटलैंड कानूनों तथा न्यायालयी आदेशोंको खुले आम दरकिनार किया गया तथा झीलें छोटी कर दी गई द्य उदयपुर की झीलें भी तीस प्रतिशत तक छोटी हो गई द्य
झील विशेषज्ञ अनिल मेहता ने वसुंधरा सरकार से आग्रह किया है कि वह राजस्थान की झीलों की मूल सीमाओं को पुनरू बहाल करे द्य
झील संरक्षण समितिएचांदपोल नागरिक समिति तथा मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित संवाद में मेहता ने कहा कि उदयपुर में आगामी 25 अगस्त को आहूत केबिनेट बैठक में सरकार अदालती आदेशों तथा वेटलैंड संरक्षण तथा प्रबंधन नियमो के अनुरूप झीलों तालाबों को माध्य अधिकतम भराव तल तक बनायें रखने का निर्णय पारित करेंद्य
चांदपोल नागरिक समिति के तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि झीलों के किनारें झीलों की रक्षा उसी तरह करते हैंजैसे पेड़ की छाल पेड़ की रक्षा करती हैद्यझीलों को छोटा करने से झीलों का रक्षा कवच समाप्त हो जाएगा द्यआगामी केबिनेट बैठक में सरकार पर्यावरण की दृष्टी से राजस्थान को एक महत्वपूर्ण सौगात दे तथा पूर्व सरकार के षड़यंत्र को नेस्तनाबूद करे द्य
श्रमदान में निकाली खरपतवार एवं गन्दगी
संवाद से पूर्व सत्तापोलपिछोला पर आयोजित श्रमदान में तेज शंकर पालीवालएरमेश चन्द्र राजपूत ए कैलाश कुमावतए मोहन सिंह चौहान ए दुर्गा शंकर पुरोहितए राजू हेलाए राम लाल गहलोतएमहेंद्र सोनीएभंवर भारतीए अनिल मेहता ने झील से खरपतवार तथा गंदगी निकालीद्य
पिछली सरकार ने सरकाई झीलों की मूल सीमाएं
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sahi vichar h apke