नारायण सेवा की लापरवाही से गई युवती की जान

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45775697निमोनिया में कर दिया पोलियो का ऑपरेशन, तबीयत बिगडऩे पर नाम बदलकर गीतांजलि में भर्ती कराया, जहां कल शाम युवती ने दम तोड़ा
उदयपुर। नारायण सेवा संस्थान की घोर लापरवाही से महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले की निवासी एक युवती की कल शाम मौत हो गई। युवती के हाथ में पोलियो था, जिसका एक माह पूर्व संस्थान में ऑपरेशन किया गया था। आश्चर्य की बात यह कि ऑपरेशन के दौरान युवती निमोनिया से ग्रस्त थी। ऑपरेशन के बाद युवती की तबीयत बिगड़ गई और उसे डबल निमोनिया हो गया, इस पर उसका नाम बदलकर गीतांजलि अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कल शाम उसकी मौत हो गई।
सूत्रों के अनुसार ज्योति सिनकर (१८) पुत्री मोतीलाल सिनकर निवासी औरंगाबाद (महाराष्ट्र) को एक माह पूर्व हाथ में पोलियो के ऑपरेशन के लिए नारायण सेवा संस्थान में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि ज्योति को निमोनिया था। फिर भी लापरवाही बरतते हुए संस्थान में उसका ऑपरेशन किया गया। इससे उसके अपर चेस्ट में इंफेक्शन हो गया।
इंफेक्शन का असर फेंफड़ों तक पहुंचा। सही उपचार नहीं मिलने के कारण ज्योति को डबल निमोनिया हो गया।
नाम बदलकर कराया भर्ती : ज्योति की जब ज्यादा तबीयत बिगड़ गई तो नारायण सेवा संस्थान ने ज्योति का नाम बदल कर भारती किया और बिना मेडिकल हिस्ट्री लगाए उसे गीतांजलि हॉस्पीटल में भर्ती करवा दिया। सवाल ये है कि बिना मेडिकल हिस्ट्री के गीतांजलि हॉस्पीटल में उसको क्या इलाज दिया गया। बहरहाल ज्योति की बीमारी से लड़ते हुए कल शाम गीतांजलि हॉस्पीटल में मौत हो गई। शव उसके पिता को सौंप दिया गया। बताया जा रहा है कि ज्योति के पिता ने ही उसे गीतांजलि हॉस्पीटल में भर्ती कराया था, जहां ज्योति के उपचार का खर्च करीब एक लाख रुपए आया था, जिसका भुगतान नारायण सेवा संस्थान ने किया है।
मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है। पता करके बताता हूं।
-प्रशांत अग्रवाल, निदेशक, एनएसएस
इबोला से डरने का नहीं
॥ इस बीमारी का डर दिखाकर इंटरनेशनल ड्रग कंपनियां उतारने वाली है महंगी दवाइयां
॥ हमारे आयुर्वेद में इस बीमारी का है कारगर इलाज, घर-घर में है इबोला का उपचार
इसके साथ ही इबोला की चपेट में आने वाले को नाक पर गाय का घी या नारियल का तेल लगाना चाहिए, वहीं उबला पानी, हल्का भोजन और गाय के दूध का सेवन करना चाहिए। यदि दवा कड़वी लगे तो शहद के साथ सेवन करना उपयुक्त होगा।
डरने की जरूरत नहीं : आयुर्वेद चिकित्सकों का मानना है कि भले ही इबोला से पूरी दुनिया दहशत में हो लेकिन भारत में इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। उनके अनुसार हमारे खान-पान से लेकर साफ-सफाई तक में संक्रमण न फैलने देने का पूरा इंतजाम है। तुलसी के पत्ते से दिन की शुरुआत होने सहित भोजन में पडऩे वाले मसाले के वनौषधियुक्त होने का फायदा मिलता है। यह इंसान को भीतर से मजबूत बना देता है। इससे संक्रमण का प्रभाव नहीं पड़ता है।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
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