उदयपुर। कृषि विश्वविद्यालय के पेंशनरों ने चार माह से बंद पेंशन को लेकर बुधवार को कृषि विश्वविद्यालय बंद कराया। दोपहर बाद वे जिला कलेक्टर को ज्ञापन देंगे।
पेंशनर्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष प्रो. बीबीएल ठाकोर ने बताया कि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पेंशनर्स पिछले दो सप्ताह से आंदोलन पर है। इस मामले में विश्वविद्यालय के पेंशन फंड में पर्याप्त राशि नहीं है वहीं राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय को अपने स्त्रोतों से पेंशन चुकाने का कहकर अनुदान बंद कर दिया है। ऐसी स्थिति में पिछले चार माहों से पेंशनर पेंशन की मांग को लेकर कई बार ज्ञापन भी दिए चुके है एवं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पर तालाबंदी कर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है। ठाकोर ने बताया कि आज विरोध प्रदर्शन में विश्व विद्यालय बंद कराया गया है, जिसके समर्थन में छात्रसंघ भी उतर गए है।
उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की कि वे पेंशनरों को पेंशन राशि चुकाने के लिए हरियाणा व पंजाब की तर्ज पर मण्डी पर 1/2 प्रतिशत टेक्स लगाकर उससे होने वाली आय को पेंशन फंड के माध्यम पेंशन का भुगतान कर इसका उपाय निकाल सकती है। इस संबंध में राज्य सरकार से पेंशनर प्रतिनिधि के मिलने पर उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 20 करोड़ का बैंक से ऋण लेकर भुगतान का सुझाव दिया गया।
24 करोड सालाना पेंशन : पेंशनर्स वेलफेयर सोसायटी के करीब 650 वरिष्ठ पेंशनर्स पेंशन नहीं मिलने के कारण समस्याओं से ग्रसित है। इन पेंशनरों में करीब 150 विधवा महिलाएं भी शामिल है। इन पेंशनरों के भुगतान की राशि 2 करोड प्रतिमाह है जो सालाना 24 करोड़ रुपए है।
16 साल बाद पसोपेश में पेंशनर : 16 साल ने पेंशनरों का भुगतान किया जा रहा है परन्तु चार माह से पेंशन नहीं मिलने से पेंशनर पसोपेश में हैं। गत चार माह से पेंशन का भुगतान नहीं होने से सेवानिवृत्त कर्मचारी अपने भरण-पोषण तथा गंभीर रोगों से ग्रस्त वरिष्ठ नागरिक अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं एवं कई वरिष्ठ नागरिकों का निधन भी हो गया है।
वसुंधरा से मिलेगा प्रतिनिधि मण्डल: पेंशन की मांग को लेकर पेंशनर्स सोसायटी का प्रतिनिधि मण्डल सरकार आपके द्वार के तहत 14 अगस्त से प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री से मिलेंगे।
पेंशनरों ने बंद कराया कृषि विश्वविद्यालय जिला कलेक्टर को देंगे ज्ञापन
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