उदयपुर। लोकसभा और विधान सभा चुनाव में हार के बाद यहां कल आरएमवी सभागार में फीड बैक लेने आये कांग्रेस नेताओं और संभाग के वरिष्ठ नेताओं को कार्यकर्ताओं के गुस्से का सामना करना पड़ा। कई कार्यकर्ताओं ने तो कह दिया कि अगर स्थिति अभी भी नहीं सुधरी तो आगामी नगर निगम के चुनाव में हालत और खराब हो जायेगी। कल हुई बैठक में साफ़ लगा कि कार्यकर्ता अपनी उपेक्षा से गुस्से में है। बैठक में मौजूद पर्यवेक्षक गंगानगर के पूर्व सांसद भरत राम मेघवाल,नागौर जिले के पूर्व विधायक महेंद्र सिंह चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास, उदयपुर के पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, पूर्व मंत्री दयाराम परमार सहित कई नेता मौजूद थे, जिन्हे कार्यकर्ताओं की खरी खरी सुननी पड़ी। कार्यकर्ताओं ने तो यहाँ तक कह दिया कि उदयपुर में कांग्रेस का भट्टा एमपी रघुवीर मीणा और सीपी जोशी ने बिठाया है । एम पी ने कामकाज अपने चहेतों के भरोसे छोड़ मौज मस्ती की है तो जोशी ने गुटबाजी को बढ़ावा देते हुए संगठन को नुकसान पहुचाया है ।
युथ चुनाव का हुआ विरोध : कार्यकर्ताओं ने युथ कांग्रेस के चुनाव पर ही सवाल खड़े कर दिये। राहुल गांधी द्वारा शुरू की गयी परि पाठी के बारे में खुल कर बोले। कार्यकर्ताओं ने कहा कि युवाओं को पहले चरण से ही यूथ चुनाव के आधार पर गुट बाजी का खेल सिखा दिया जाता है। यूथ चुनाव में हार या जीत के साथ गुट तैयार हो जाते है, जो आखिर तक चलते है। यही नहीं इस बात का भी विरोध हुआ कि यूथ कांग्रेस में जो भी पदाधिकारी बनता है, वह चुनाव प्रक्रिया से आता है और उस पर किसी का अंकुश नहीं होता जब तक कि दूसरे चुनाव नहीं हो जाते। यूथ चुनाव को बेमानी बताते हुए कहा कि यूथ कांग्रेस के चुनाव में चुने हुए प्रत्याशी के पास कोई अधिकार भी नहीं होता इसलिए यह बंद होना चाहिए।
गुट बाजी चरम पर : फीड बैक लेने आये नेताओं और बैठक में वरिष्ठ नेताओं को कार्यकर्ताओं ने कहा कि सभी नेताओं को उन्हें कार्यकर्ताओं को पूरी तवज्जो देकर सडकों पर उतारना पडेगा तभी स्थिति सुधरेगी । साथ ही यह भी कहा की अपने चहेतों को बनाने वाली समितियों में सात सात पद देने जैसी प्रवृति पर रोक लगाना होगा अगर अभी भी बड़े नेता चापलूसों और चहेतों के बिच से निकल कर आम कार्यकर्ता के बीच नहीं आये तो नगर निगम चुनाव स्थिति और भी खऱाब हो सकती है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि संगठन में पद उसी को मिलता है, जो बड़े नेताओं की चमचागिरी करे और ऐसे में गुटबाजी होना स्वाभाविक है।
कई कार्यकर्ता नहीं गए : शहर की बैठक जिलाध्यक्ष नीलिमा सुखाडिय़ा के निवास स्थित कार्यालय पर हुई, जिसके विरोध में कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी वहां नहीं पहुंचे। वह इससे पहले सर्किट हाउस में पर्यवेक्षकों से मिल लिए। और उन्होंने घर से कांग्रेस चलाने का आरोप लगते हुए कहा कि कांग्रेस जैसा संगठन घर से नहीं चलता ऑफिस होना चाहिए जो कि एक साजिश के तहत बंद करवा कर जिलाध्यक्ष के घर में शिफ्ट करवा दिया।