परेशान रोगी विशेषज्ञों के घर उपचार को विवश
रोगियों की चिकित्सालय मेें कोई सुनने वाला नहीं
उदयपुर, संभाग का सबसे बडा राजकीय महाराणा भूपाल चिकित्सालय यों तो अनेक अव्यवस्थाओं की गिरफ्त में है लेकिन यहां के वरिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा अपने कर्तव्यों की उपेक्षा से यहां आने वाले रोगियों की पीडा और भी बढा दी है। ये विशेषज्ञ चिकित्सक मात्र एक घंटा प्रतिदिन अपने नौकरी बजाकर कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे है।
इसी क्रम में यहां तैनात एक मात्र गेस्ट्रोलोजी विशेषज्ञ भी शामिल है। इस अस्पताल में गेस्ट्रोलोजी पद पर कार्यरत डा.विपिन चन्द्र माथुर का आउटडोर सप्ताह में मात्र दो दिन आता है। कार्य का समय होता है प्रात: ८ से दोपहर १२ बजे तक परन्तु डा.माथुर मात्र एक घंटा आउटडोर में सेवाएं देकर रवाना हो जाते है। अधिकांश शहर के बाहर से आने वाले रोगिायें को डा.माथुर के आवास पर जाकर ही अपनी चिकित्सा करवानी पडती है। लेकिन इन रोगियों की पीडा सुनने वाला इस अस्पताल में कोई भी सक्षम अधिकारी नहीं है।
मंगलवार प्रात: डॉ.माथुर का आउटडोर होने पर संवाददाता एम.बी.चिकित्सालय पहुंचा जहां डॉ.माथुर १०.३० बजे तक अपने परामर्श कक्ष में नही पहुंचे। जहां संवाददाता के साथ गए फोटोग्राफर ने डा.माथुर के कक्ष का फ़ोटो तथा कतारबद्घ रोगियों की तस्वीरे लेना आंरभ की तो वहां तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने अपने मोबाइल से तुरन्त डा.माथुर को स्थिति से अवगत करवा दिया। सूचना मिलते ही डा.माथुर १५ मिनट बाद अपने कक्ष में पहुंच गए। यह यतो एक बानगी मात्र है। यहां हर विशेषज्ञ की यही कार्य शैली है।
एक घंटे सेवा देकर महीने का वेतन ले रहे एम.बी.चिकित्सालय के विशेषज्ञ
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