उदयपुर। नगर निगम के अधिशासी अभियंता समरथसिंह बाबेल सोमवार को दूधतलाई में घायलावस्था में पड़े मिले। बाबेल ने पुलिस को दिए बयानों में चक्कर आकर नीचे गिरना बताया। जबकि चिकित्सक उनके दोनों हाथों पर मिले गहरे जख्म से नसें काटने का अंदेशा जता रहे हैं। पुलिस मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई करेगी। सेवानिवृत्ति के महज चार माह पहले बाबेल के इस कदम के पीछे कोई विभागीय तनाव तो नहीं था,
इसको लेकर पुलिस अभी जांच में जुटी है।
जडियों की ओल बाबेलों की सेहरी निवासी समरथसिंह (59) पुत्र डूंगरसिंह बाबेल दोपहर करीब तीन बजे दूधतलाई माणिक्यलाल वर्मा पार्क के पास सीढियों पर घायल पड़े मिले। उनके सिर पर चोट थी और दोनों हाथों की कलाई के ऊपरी हिस्सों पर गहरे कट के निशान थे। अत्यधिक रक्त बहने से वे बेहोश हो गए थे। लोगों की नजर पड़ते ही उन्होंने घंटाघर थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घायल बाबेल को एमबी चिकित्सालय पहुंचाया। सूचना पर परिजन, रिश्तेदार व निगम के कई अधिकारी अस्पताल पहुंचे और बाबेल की कुशलक्षेम पूछी।
चक्कर आए या और कोई चक्कर
अधिशासी अभियंता बाबेल ने अपने बयानों में बताया कि दोपहर करीब ढाई बजे वह मोटरसाइकिल से माणिक्यलाल वर्मा पार्क गए थे। वहां पर अचानक चक्कर आने से सीढियों से गिर गए, जिससे सिर व हाथ पर चोटें आई। पुलिस व चिकित्सकों का कहना है कि बाबेल के हाथ पर आई चोटें गिरने की नहीं है। गिरने पर हाथ के ऊपरी हिस्सों पर चोट या रगड़ आनी चाहिए थी लेकिन बाबेल के कलाई के ऊपरी हिस्सों में गहरे जख्म है। यह जख्म किसी धारदार ब्लेड या छुरी से आ सकते हैं। चिकित्सकों ने भी पुलिस को पूछताछ में धारदार औजार से हाथ कटना बताया है। पुलिस ने चिकित्सको से मेडिकल रिपोर्ट मांगी है।
विभागीय तनाव तो नहीं कारण
बाबेल के अधीनस्थ व वरिष्ठ अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार बाबेल निगम में अपने कामकाज को लेकर पिछले काफी समय से तनाव में थे। विलम्ब से हुई पदोन्नति को लेकर भी वह काफी परेशान हुए। कुछ दिनों ही उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन दे दिया जबकि वह महज चार माह बाद नवम्बर मेें ही सेवानिवृत होने वाले हैं।
निगम स्तर पर कोई तनाव नहीं है। निगम में एक की बजाय अब पांच एक्सईएन है सभी प्रेम-पूर्वक काम कर रहे है।
– रजनी डांगी, मेयर
विभागीय तनाव तो नहीं कारण
बाबेल के अधीनस्थ व वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार वह निगम में अपने कामकाज को लेकर काफी समय से तनाव में थे। विलम्ब से हुई पदोन्नति को लेकर भी वह काफी परेशान हुए। कुछ दिनों ही उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन दे दिया जबकि वह महज चार माह बाद नवम्बर मेें ही सेवानिवृत होने वाले हैं।