मोहक प्रस्तुतियों से झूम उठा सभागार
महावीर युवा मंच संस्थान-महिला प्रकोष्ठ के ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर का समापन
शुभ मंगल गीत पुस्तिका का विमोचन
उदयपुर, जो हाथ घर के कामकाज में लगे रहते थे या कीचन में खाना बनाने में काम आते हैं, जब वे ही हाथ मात्र 15 दिन के प्रशिक्षण के बाद डीजे पर बज रहे राजस्थानी गीतों पर नृत्य के साथ मटकते दिखे तो सभागार में मौजूद प्रतिभागी सहित हर दर्शक झूम उठा। आकर्षक व मोहक प्रस्तुतियों पर बार-बार तालियां बज उठी। मानों कोई शिविर नहीं किसी के घर में वैवाहिक आयोजन हो और रिश्तेदार प्रस्तुतियां दे रहे हों।
मौका था श्री महावीर युवा मंच संस्थान के ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर के समापन का जो रविवार को थोब की बाड़ी में हुआ। मुख्य अतिथि जिला प्रमुख रजनी डांगी तथा विशिष्ट अतिथि उद्योगपति विकास सुराणा, थोब की बाड़ी श्रीसंघ के अध्यक्ष मनोहरसिंह नलवाया थे। अध्यक्षता महापौर रजनी डांगी ने की। इस अवसर पर प्रकोष्ठ की अध्यक्ष विजयलक्ष्मी गलुण्डिया द्वारा संयोजित शुभ मंगल गीत पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। शिविर की विशेषता यह भी रही कि इसमें न सिर्फ जैन समाज बल्कि अन्य समाजों की लड़कियों ने भी भाग लिया।
पन्द्रह दिनों के इस प्रशिक्षण शिविर में नृत्य के विभिन्न ग्रुप बनाए गए थे। क्रमश: ग्रुपों की हर प्रस्तुति में सभागार बार-बार तालियों से गूंज उठा। सर्वप्रथम ब्राह्मी ग्रुप की शहनाई. . गीत पर प्रस्तुति हुई। इसके बाद सुंदरी ग्रुप ने ढोल बाजे. . गीत पर आकर्षक प्रस्तुति दी। कौशल्या ग्रुप की लड़कियों ने जहां पंजाबी गीतों का तडक़ा लगाया वहीं सीता ग्रुप में शामिल महिलाओं ने ओ रे पिया. . के गीत पर सुंदर पारम्परिक वेशभूषा में प्रस्तुति दी। द्रोपदी ग्रुप की लड़कियों ने पाश्चात्य नृत्य प्रस्तुत किया फिर राजमति ग्रुप में 50 वर्ष की आयु से अधिक की महिलाओं ने नृत्य प्रस्तुति दी। मृगावति, कुंती, चंदनबाला, चेलना, प्रभावति और सुभद्रा ग्रुप ने भी अपनी अपनी प्रस्तुति को शानदार बनाया।
शुभ मंगल गीत पुस्तक विमोचन के बाद मुख्य अतिथि मेहता ने कहा कि ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण के साथ इस नारी जागरण शिविर के समापन के बाद यहां मौजूद महिलाओं-बच्चियों को देखकर वाकई में लग रहा है कि नारी जागृत हो चुकी है। नारी ने कम से कम यहां तो अपना स्थान प्राप्त कर लिया है। अध्यक्षता करते हुए डांगी ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। यहां 50 वर्ष की महिलाओं को जब नृत्य करते देखा तो यही महसूस हुआ। जिन्हें हम हमेशा घर के कामकाज में लगे देखते हैं, आज जब उन्हें यहां इतना सुंदर नृत्य करते देखा तो एकाएक विश्वास ही नहीं हो रहा है।
संस्थान के मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बाद प्रकोष्ठ की अध्यक्ष विजयलक्ष्मी गलुण्डिया ने इस वर्ष को नारी जागरण वर्ष के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा और उसी के तहत गत 16 मई से यह शिविर शुरू हुआ। इस शिविर की सफलता तभी है जब इस वर्ष सीखे गए प्रशिक्षणार्थियों में से ही अगले वर्ष शिविर में प्रशिक्षक बनें। अगले वर्ष भी क्या यह शिविर लगाया जाना चाहिए, इस प्रश्न के जवाब में पूरा सभागार सहमति के रूप में तालियों से गूंज उठा। उन्होंने शुभ मंगल गीत पुस्तिका के विमोचन पर कहा कि यह पुस्तिका समाज की धरोहर के रूप में पहचानी जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज की सेवा में मेरे करीब 30 वर्षीय कार्यकाल में जैन समाज में अब तक ऐसी कोई पुस्तक नहीं आई है। यह निस्संदेह संग्रहणीय है।
पन्द्रह दिनों में श्रेष्ठ प्रस्तुति देने वालों दिव्या कोठारी, स्नेहा पोरवाल, अर्चना वैष्णव, अंजू लोढ़ा, चंदा राठौड़, उषा दक, प्रशंसा धुपिया, डिम्पल बोहरा, विधि एवं रामू ओर्डिया को पारितोषिक प्रदान कर सम्मानित किया गया।
प्रकोष्ठ की अध्यक्ष विजयलक्ष्मी गलुण्डिया ने शिविर का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि 16 मई से शुरू हुए शिविर में मेडिटेशन, विभिन्न प्रकार के नाश्ते, कॉकटेल-मॉकटेल, स्वास्थ्यवर्धक मिठाइयां, टेबल सजावट, नेपकिन फोल्डिंग, साड़ी पहनने के विभिन्न तरीके, सेल्फ मेकअप, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर पर वार्ता, महिला अधिकारों संबंधी जानकारी, मोटापा कम करने सम्बन्धी व्यायाम, गिफ्ट पैकिंग, बैंक सम्बन्धी जानकारी एवं स्वास्थ्य जांच आदि कार्यक्रम हुए। इनमें विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था। उन्होंने कहा कि महिला प्रकोष्ठ की संपूर्ण कार्यकारिणी शिविर की सफलता के लिए बधाई की पात्र है। सभी ने मिल-जुलकर शिविर को सफल बनाया। शुभ मंगल गीत पुस्तिका में जन्म से लेकर मंगलाचरण, तपस्या, विवाह, मांगलिक, देवता सहित सभी शुभ अवसरों पर गाए जाने वाले गीतों का संकलन किया गया है।
कार्यक्रम का संचालन प्रशंसा धुपिया एवं डिम्पल ने किया। मंगलाचरण अंजू लोढ़ा, बेला मुर्डिया, निशा जैन,खुशबू साहू, पूनम लोढ़ा, बीना जैन एवं श्वेता नैनावटी ने किया।