उदयपुर, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित मूकाभिनय कार्यशाला का समापन प्रदर्शित मूकाभिनय में दर्शकों को एक ओर जहां हंसाया वहीं दूसरी ओर दर्शकों को संदेस भी दिये गये।
शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में रविवार शाम आयोजित इस मूक नाट्य संध्या में मूकाभिनय फैलो विलास जानवे द्वारा परिकल्पित एवं निर्देशित द समूक नाटकों का मंचन किया गया। स्याह रंगों से युक्त पार्श्व में मूक नाटकों में अभिनय करने वाले पात्रों के चेहरे के भाव बखूबी से उभर कर सामने आये वहीं अभिनय व हाव-भाव से कलाकार अपना संदेस देने में सफल हो सके। कार्यक्रम की शुरूआत ‘‘प्लांटेशन’’ से हुई जिसमें नेता पौधरोपण के लिये आता है व फोटो खिंचवा कर चला जाता है। इसके बाद प्रस्तुत हुआ ‘‘पेन्टर’’ जिसने दर्शकों को गुदगुदाया। घर पेन्ट करवाने के लिये मकान मालिक द्वारा पकड़ कर लाये पेन्टश्र ने क्या गुल खिलाया कि मालिक का चेहरा तक पुत गया। संदेशात्मक मूकाभिनय में पानी के व्यर्थ प्रयोग का संदेस दिया गया। वहीं मदर्स डे पर माँ को समर्पित ‘‘माई चाइल्ड’’ भावात्मक प्रस्तुति बन सकी जिसमें बालक के साथ मां का दुलार व उसकी सार संभाल के प्रसंग मंचित किये गये।
संदेश परक एक अल्य मूक नाटक ‘‘रोड हीरो में चलते वाहन पर मोबाइल से बात करने व पुलिस द्वारा पकड़े जाने का संदेश दिया गया। हास्य से भरपूर मूक नाटक ‘‘चोर पुलिस’’ ने दर्शकों को खूब हंसाया। मूर्ति बन बैठे चोर ने अपने पास आकर बैठने वाले लोगों को किस कदर परेशान किया यह इस मूक नाटक का सार है। अंत में नसवार ने मूर्ति बने चोर की पोल खोल कर रख दी। एक अन्य मूक नाटक ‘‘सलीब्रेशन’’ में बीच सड़क पर विवाह आदि समारोह में नृत्य करते लोगों को दिखाया गया जिन्हे एक एम्बूलैंस के आने पर सड़क से हटाया गया।
मूक नाटकों में पार्श्व संगीत कपिल पालीवाल, समर्थ जानवे व रजनीश शर्मा का था।
शिल्पग्राम में मूकाभिनय हंसाया भी संदेश भी दिये
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