उदयपुर जिले के थाना परिसरों में जब्त पडे वाहन बन गए है कबाड
पुलिस के खैमे से न तो मालिकों को मिलते है वाहन और ना ही होती है निलामी
उदयपुर, उदयपुर जिले के विभिन्न पुलिस थानों में जब्त एक हजार से अधिक वाहन कबाड में तब्दील हो गए है। इसमें से अधिकांश वाहन पुलिस मेें चोरी के वारदातों एंव दुर्घटनाओं के मामलों में जब्त किए है।
गौरतलब है कि वाहन जब्ती के समय तो ठीक-ठाक हालत में होते हैं, लेकिन वर्षों से खुले में पडे होने के कारण इनकी हालत कंडम हो चुकी है। पता चला है कि हादसे या चोरों से जब्त वाहनों में से दस फीसदी ही उनके मालिक तक पहुंच पाते हैं। जब्त वाहनों को उनके मालिक तक पहुंचाने के लिए पुलिस दिलचस्पी नहीं दिखाती। जिसके चलते थानों के एक हिस्से में पडे वाहन कबाड बनते जा रहे हैं।
जब्त वाहन की हालत प्रारंभ में ठीक ही होती है, लेकिन थानों में पहुंचने के बाद इनकी हालत कबाड हो जाती है। थानों में मोटर साइकिल की जब्ती अधिक होती है। अधिकतर वाहन अब अधूरे है, किसी के टायर गायब है, तो किसी की हैडलाइट, तो किसी का साइलेंसर। इससे पता चलता है कि इसके पार्ट्स पुलिसकर्मी अपने वाहनों की जरूरत के हिसाब से गायब कर लेते हैं।
जब्त वाहनों को उनके मालिकों द्वारा नहीं छुडवाने पर नीलाम करने का प्रावधान है, लेकिन विभाग द्वारा इस कार्य में सुस्ती बरती जा रही है, जिससे थानों में वाहनों की संख्या बढती जा रही है। जिले के कई थानों में पडे वाहनों का तो रिकार्ड भी नहीं मिलता है जिले के थानों में मोटर साइकल ही नहीं, बल्कि रिक्शा, टैम्पो, टैक्सी, जीप बोलेरो सहित कई वाहन नजर आ जाते हैं। इनकी भी हालत पूरी तरह से कंडम हो चुकी है। इसमें केवल नए वाहन ही सही सलामत है, लेकिन कुछ समय निकलने के बाद वह भी कबाड बन जाते हैं।
इनका कहना:
थानोंं में जब्त किए गए वाहनों की नीलामी के लिए कोर्ट से आदेश आते हैं। कोर्ट में लंबे समय तक केस चलने के कारण थानों में वाहनों के संख्या बढती जा रही है। पुलिस चोरी के वाहनों के चेचिस नंबर के आधार पर आरटीओ से ब्योरा मांग कर उनके मालिकों को सूचना देती है। जिस पर वाहन मालिक उसके वाहन के कागज कोर्ट में पेश कर वाहन को ले जा सकता है। यह प्रयास निरंतर किया जाता है। जिससे वाहन उनके मालिकों तक पहुंच सके।थानों में से वाहनों के पार्टस चोरी होने की अभी तक कोई भी शिकायत नहीं मिली है। अगर कोई व्यक्ति इस प्रकार की शिकायत करता है, तो मामला दर्ज किया जाएगा। थाना स्तर पर मामला दर्ज नहीं होने पर वह कोर्ट से मामला दर्ज करा सकता है।
-अजय लाम्बा
पुलिस अधीक्षक, उदयपुर