कई जगह हुआ स्वागत
परशुराम जयन्ती महोत्सव में भव्य शोभायात्रा, धर्मसभा व महाप्रसादी
अगले वर्ष से पांच प्रतिभाओं को ‘ भगवान परशुराम पुरस्कार’
उदयपुर, पूर्व सांसद् भानुकुमार शास्त्री ने कहा कि विसंगत वर्तमान में समाज व राष्ट्र की दशा व दिशा बदलने के लिये भगवान श्री परशुराम का जीवन प्रेरणादायी है। विप्र समाज में देवत्व जागृत कर राष्ट्र को परम् वैभव पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करें।
शास्त्री भगवान श्री परशुराम सर्व ब्रह्म समाज समिति द्वारा भगवान परशुराम जयन्ती के पांच दिवसीय आयोजन के अंतिम दिन रविवार को भव्य शोभायात्रा के बाद टाउनहॉल में धर्मसभा को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि किसी भी स्थिति में अन्याय, अत्याचार व स्वेच्छाचार हो या कोई बाह्य आक्रमण चाणक्य व परषुराम की तरह उसका प्रतिरोध विप्र वर्ग का दायित्व है। विप्र वर्ग स्वयं को सिद्घ करके जब मार्गदर्शक की भूमिका में आये । उन्होनें कहा कि विप्र समाज की विभिन्न उपजातियों के एकत्रीेकरण की दृष्टि से समिति ने जो प्रयास किये हैं, वह सराहनीय है।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष धर्मनारायण जोशी ने स्वागत भाषण करते हुए कहा कि ब्राह्मण कभी जातिवादी हो नहीं सकता, उसने सर्वे भवन्तु सुखिन: का संदेश दिया। जोशी ने सरकार से देवस्थान विभाग में पुजारी पद पर केवल ब्राह्मणों की नियुक्ति करने, मंदिर की भूमि से पुजारियों को बेदखल नहीं किये जाने, आरक्षण आर्थिक करने व परषुराम जयन्ती पर राष्ट्रीय अवकाष घोषित करने की मांग की।
जोशी ने कहा कि समिति अगले वर्ष से इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की पॉच प्रतिभाओं को ‘भगवान परशुराम पुरस्कार’ प्रदान करेगी। उन्होनें सभी विप्रजनों से आयोजन को सफल बनाने के लिये आभार व्यक्त किया।
धर्मसभा में मंचासीन अस्थल पीठाधीश्वर महन्त रासबिहारी शरण व अखण्ड आश्रम के गीतानंद महाराज ने विप्र समाज के एकीेकरण व संस्कारों की प्रधानता पर बल दिया।
इस अवसर पर महापौर रजनी डांगी ने ब्राह्मण समाज के लिये हरसंभव सहयोग की प्रतिबद्घता व्यक्त की। उन्होनें कहा कि ब्राह्मण समाज में आकर वे स्वयं को प्रसन्न व गौरवान्वित है।
धर्मसभा के प्रारम्भ में भगवान परशुराम का पूजन, माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन किया गया। भीमशंकर जोशी ने शिव ताण्डव स्त्रोत व सुश्री नयन शर्मा ने रूद्राष्टक का स्वर पाठ किया।
शोभायात्रा टाउनहॉल प्रांगण से प्रारम्भ होकर बापू बाजार, सूरजपोल, झीणीरेत, मुखर्जी चौक, सिन्धी बाजार, मोचीवाडा, चौखला बाजार, भूपालवाडी, तीज का चौक, देहली गेट, बापू बाजार होते हुए टाउनहॉल में आकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। तत्पश्चात महाप्रसादी का आयोजन हुआ। शोभायात्रा में सभी विप्र उपजातियों के बंधु-बहिन मांगलिक वेश में सम्मिलित हुए। शोभायात्रा में सबसे आगे मुष्टिक हनुमान व्यायाम शाला के पहलवान विष्णु जोशी के नेतृत्व में अखाडा प्रदर्शन कर रहे थे। मार्ग में विभिन्न समाजों, संस्थाओं व प्रतिष्ठानों द्वारा स्वागत किया गया। शोभायात्रा में विभिन्न समाजों की भगवान परशुराम, अशोक वाटिका, भारतमाता, झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, श्रीराम दरबार, मंगल पाण्डे झांकियां आकर्षण का केन्द्र रही।
शोभायात्रा मेें सबसे आगे सुसज्जित पांच घो$डों व सात बग्गियों में विप्रजन सवार थे। विप्रजन ‘ब्राह्यण एकता जिंदाबाद, जब-जब ब्राह्यण बोला है-राजसिंहासन डोला है, भगवान परशुराम की जय आदि नारे लगा रहे थे। मार्गशीतल जल, शर्बत, छाछ आदि के काउण्टर लगाएं गये। मेनारिया समाज के सदस्य पानेरियों की माद$डी से टाउनहॉल तक वाहन रैली के रूप में आकर शोभायात्रा में शामिल हुई।
शोभायात्रा में महिलाएं पार्षद अर्चना शर्मा , मीना शर्मा, चन्द्रकांता मेनारिया, राजकुमारी मेनारिया, इन्दिरा राजपुरोहित, दीक्षा भार्गव, चित्रा मेनारिया, भगवती मेनारिया, ललिता मेनारिया के नेतृत्व में कलश लिये मंगल गीत गाती हुई चल रही थी।
सम्मान : समारोह में भामाशाह पुरूषोत्तम नागदा, कुलदीप नागदा, ओदम्बर ब्राह्मण समाज की वयोवृद्घ १०१ वर्षीय श्रीमती भगवती देवी, विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों के लिये हेमशंकर दीक्षित, एडवोकेट श्यामसुन्दर षर्मा, भूपेन्द्र नागदा, एडवोकेट भरत जोशी, श्यामलाल शुक्ला व दीपक नागर का अतिथियों ने शॉल, उपरणा व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
विप्र समाज में देवत्व जागृत करें : शास्त्री
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