सिटी पैलेस में हुई गाइडों की कार्यशाला
उदयपुर, यहां सिटी पैलेस स्थित महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर द्वारा शहर की ऐतिहासिक एवं प्राचीन धरोहर के संवद्र्धन, संरक्षण के उद्देश्य से किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी पर्यटकों को मिलें इस बाबत स्थानीय गाइडों के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को फाउण्डेशन के सभागार में जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ में इंस्टीट्यूट ऑफ राजस्थान स्टडीज के पुरातत्व विभाग में सह आचार्य जीवन सिंह खरकवाल ने मेवाड़ के पुरातत्व संबंधी जानकारी गाइडों को दी।
महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के उपसचिव प्रशासन भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि समयोपरांत आयोजित कार्यशालाओं में पैलेस के अधिकृत गाइडों को मेवाड़ के इतिहास की जानकारी दी जाएगी। शुक्रवार को फाउण्डेशन के सभागार में जीवन सिंह खरकवाल ने बताया कि मेवाड़ की पुरा संपदा का विश्व मानचित्र में अग्रिम स्थान है। यहां के प्राचीर, दुर्ग, महल, मंदिर, बावडिय़ां का निर्माण कई सैकड़ों वर्षों बाद भी दर्शनीय है। उन्होंने मेवाड़ की अरावली पहाडिय़ों के साथ ही वन एवं वन्य जीव संपदा और मेवाड़ की प्राचीन सभ्यताओं आहाड़, गिलूण्ड, बालाथल, नागरी, जावर, इसवाल, बागोर, बनास पर भी विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला में उपस्थित गाइडों ने विषयवस्तु संबंधी प्रश्न किए जिसे डॉ. जीवन सिंह ने सविस्तार समझाया।
इन्होंने लिया भाग: शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला में दिनेश राजपूत, फरीद अहमद, गजेन्द्र शर्मा, गजराज सिंह चुण्डावत, घनश्याम सिंह शक्तावत, गिरिश चन्द्र नगरकोटी, गिरीश रावल, हंसराज उंठवाल, हंसमुख शर्मा, हरि सिंह पंवार, हरीश सुखवाल, हर्षवद्र्धन सिंह चौहान, हेमंत कुमार श्रीमाली, हिम्मत सिंह सोलंकी, हितेश सिंह राजपूत, हितेश सुखवाल, हितेश शर्मा, हुकम सिंह हाड़ा, इन्द्रपाल सिंह राणावत, जगदीश मुण्डानिया, जितेन्द्र सिंह विशावत, जितेन्द्र सिंह राठौड़, जितेन्द्र सिंह भाटी, जितेन्द्र सोनी, ज्योतेन्द्र सिंह गौड़, कमलजीत सिंह सोलंकी, कान सिंह राजपूत, कपिल सिकलीगर, करणी सिंह चौहान, कोमल सिंह चौहान, नागेन्द्र सिंह शक्तावत, पुष्करलाल, मदन लाल, अयाज ने भाग लिया।
मेवाड़ की पुरा संपदा का नहीं कोई सानी
Date: