उदयपुर, चाइल्ड फण्ड इण्डिया व बार एसोसिएशन उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में ‘बाल व्यापार की रोकथाम में कानूनविदों की भूमिका’ पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर यहां लेकसिटी में सम्पन्न हुआ । दूसरे दिन जबरन वैश्यावृति करवाने जा रहे नाबालिग बच्चों को छुडवाने, गुरूŸार लैंिगंग हमला और अन्य यौन शौषित पीड़ितों के कानूनी प्रावधान विशेष अदालातों व बंद कमरे में सुनवाई, पीड़ित/पीड़िता की पहचान छुपाये रखने और, लैगिंग अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 के बारे में लेकसिटी के अधिवक्ताओं को जानकारी प्रदान की गई।
यह जानकारी देते हुए चाईल्ड फंड इंडिया के कार्यक्रम समन्वयक हेमलता वर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण के दूसरे दिन विशेषज्ञ दिल्ली हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद अस्थाना और सेंट्रल फॉर चाईल्ड राईटस ‘हक’ के कुमार शैलभ ने अधिवक्ताओं को यौन शौषित पीड़ित बच्चों के लिए विशेष अदालत में सुनवाई पीड़ित से पूछे जाने वाले सवालों का पहले न्यायाधीश द्वारा निरीक्षण किये जाने, ऐसे मामलों में जहां तक हो सके महिला जज अधिवक्ता की नियुक्ति, पीड़ित और अभियुक्त की आमने-सामने सुनवाई न किये जाने तथा पीड़ित के न्यायलय में बयान न दिये जाने पर उसके सुरक्षित स्थान पर बयान की व्यवस्था, पीड़ित को अंतरिम राहत, मुआवजा, सुरक्षा प्रदान किये जाने के कानूनी प्रावधानों पर जानकारी प्रदान की गई।
इसके अलावा बच्चों के यौन शौषण पर अश्लील फिल्मों/क्लिप्स बनाने जैसे अपराधों पर भी कठोर दंड तथा गुरूŸतर लैंिगंग हमलों के अन्तगर्त किसी सरकारी अधिकारी, जिसमें पुलिस, अफसर, आर्मी, सुधार गृह के कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा किये गये यौन शौषण के आरोपियों को अधिकतम 10 वर्ष की कड़ी सजा दिये जाने के कानूनी प्रावधानों पर भी चर्चा की गई। अंत में बार ऐसोसिएशन उदयपुर के अध्यक्ष भरत जोशी ने आभार जताया। प्रशिक्षण में 40 अधिवक्ताओं ने भाग लिया।
बाल व्यापार रोकथाम पर दो दिवसीय अधिवक्ता प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न
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