उदयपुर। लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे है। चुनाव का प्रचार तेज होने लगा है। पार्टियां और प्रत्याशी सोशल साइट का सहारा धड़ल्ले से ले रही है। ऐसे में इन सोशल साइट पर भड़काऊ भाषण और भड़काऊ मैसेज बल्क में एक मोबाईल से दूसरे मोबाइल में शेअर हो रहे है । जिनमें कई नेताओं के भड़काऊ भाषण और कई फेक विडियों अपलोड किये जारहे है। आज के दौर में हर हाथ में एंड्रॉयड मोबाइल फोन है । और व्हाट्स- एप और बीबीएम् ( ब्लेक बैरी मेसेंजर ) का चलन बढ़ा है । इन चुनावों में ये एप्स सबसे बड़े हथियार के रूप में काम आ रहे है । चुनाव आयोग और पुलिस ने इनसे निपटने के लिए एक सेल तो बना लिया है, लेकिन तकनीकी अड़चनें सामने आ रही हैं।
कैसे मैसेज हो रहे है अपलोड
अमित शाह का दिया गया भड़काऊ भाषण , सहारनपुर के कांग्रेस उम्मीदवार मसूद का क्रमोदी की बोटी बोटी कर देने वाला विडियो , उप्र सरकार में नगर विकास मंत्री आजम खां का मोदी को लेकर वह बयान जिसमें उन्होंने मोदी को संघ का गुंडा और कुत्ते के बच्चे का बड़ा भाई बताया, खूब अपलोड किया जा रहा है। इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े आतंकी जिन्हें पिछले दिनों जयपुर, जोधपुर और सीकर से पकड़ा गया था, उनकी हिमायत में कई मैसेज इन दिनों फ्लो हो रहे हैं। इसके अलावा भड़काऊ टेक्स्ट मेसेज की तो एक बाढ़ सी आ गयी है । यही नहीं कई जनसभाओं के विडियो के साथ वक्ता की आवाज में अलग से भड़काऊ बाते रिकॉर्ड कर उसको एडिट करके अपलोड किया जा रहा है ।
त्वरित कार्रवाई में ये तकनीकी पेच
वाट्स-एप पर आने वाले मैसेज को टैप करना या फ्लो होने से रोकना नामुमकिन। वाट्स-एप के जरिए आने वाला मैसेज कॉम्पैक्ट डिस्क रिकॉर्डेबल (सीडीआर) नहीं होता। वाट्स-एप सिम बेस सर्विस नहीं है। नेट बेस सर्विस होने के कारण मेन सर्वर से ही रिकॉर्ड मिल सकता है। वाट्स-एप का मेन सर्वर यूएस में होने के कारण आपत्तिजनक वीडियो या मैसेज का रिकॉर्ड जुटाने की प्रक्रिया काफी पेचीदा है।
इन पर रखी जा सकती है निगाह
॥ फेसबुक (इसका सर्वर भारत में जयपुर में है)
॥ गूगल अकाउंट (इसका सर्वर भारत में हैदराबाद, मुंबई और नागपुर में है)
॥ याहू अकाउंट (इसका सर्वर भारत में बेंगलुरू में है)
॥ फोन कॉल्स (कंपनियों से कॉल डिटेल के आधार पर कर सकते हैं इंटरसेप्ट)
॥ लॉ एंड ऑर्डर बिगडऩे का हवाला देकर मांगते हैं रिकॉर्ड।
॥फेसबुक, ट्वीटर आदि सोशल साइट पर पार्टियों व प्रत्याशियों के आधिकारिक एकाउंट से यदि कोई आपत्तिजनक मैसेज या विडियो पोस्ट होता है तो उस पर चुनाव आयोग के कार्रवाई करने के निर्देश है और उनपर हम निगाह भी रखे हुए है। व्हाट्स- एप या बीबीएम् पर कोई भड़काऊ भाषण या विडियो शेअर करता है तो उसके खिलाफ पुलिस मुकदमा बन सकता है, और शिकायत आने पर कारवाई की जा सकती है।
-आशुतोष पेढऩेकर,
जिला निर्वाचन अधिकारी, उदयपुर
बेलगाम सोशल साइट से परेशानी
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