जमकर हुई मारपीट,
मामला दर्ज नही करवाया
अधीक्षक ने कक्ष में बुलाकर करवाया समझौता
उदयपुर, महाराणा भूपाल चिकित्सालय में सोमवार को हडताल को लेकर हुई राजनीति के चलते अलग-अलग गुट के दो रेजीडेंट चिकित्सक ही आपस में भिड गए। दोनों चिकित्सकों ने एक-दूसरे के साथ जमकर मारपीट की। बाद में अन्य रेजीडेंटों ने बीच में आकर दोनों को अलग किया। वहीं चिकित्सालय अधीक्षक की ओर से दोनों को अपने कक्ष में बुलाकर वार्ता करवाई। इसके बाद दोनों में समझौता हुआ। इस पूरे प्रकरण में रेजीडेंट चिकित्सकों और चिकित्सालय प्रशासन की ओर से किसी तरह का मामला दर्ज नहीं करवाया है। यहां तक रेजीडेंट चिकित्सक तो मारपीट होने की घटना तक से इंकार कर रहे है।
सूत्रों के अनुसार हाल में रेजीडेंट चिकित्सकों की ओर से मरीज द्वार मारपीट किए जाने के बाद से हडताल पर चले गए थे। कुछ मांगों को मान लिए जाने के कारण रेजीडेंट एसोसिएशन की ओर से इस हडताल को समाप्त कर दी, जिसको लेकर रेजीडेंट चिकित्सकों के ही दूसरे गुट ने विरोध किया था और वर्तमान कार्यकारिणी को भंग कर नई कार्यकारिणी बना दी थी। इस घटना के बाद से ही एम.बी. चिकित्सालय में रेजीडेंट चिकित्सकों में दो अलग-अलग गुट बन गए है। जिसमें से एक गुट तो पूर्व अध्यक्ष डॉ. कप्तान सिंह के पक्ष का है और दूसरा गुट नए अध्यक्ष के गुट का है।
सोमवार को वार्ड ६ में डॉ. कप्तानसिंह और दूसरे गुट का सुधीर मालू दोनों अपने काम कर रहे थे। इसी दौरान दोनों में एक ने पूर्व में समाप्त की हडताल पर जोरदार टिप्पणी की। जिसमें हडताल को पुलिस के दबाव में आकर समाप्त करना बताया। इसी बात का डॉ. कप्तानसिंह ने विरोध किया। मामला इतना बढ गया कि दोनों के बीच बहस होनी शुरू हो गई। हडताल समाप्त करने के मुद्दे पर शुरू हुई बस शीघ्र ही धक्का-मुक्की में बदल गई और बाद में मारपीट होनी शुरू हो गई। सूत्रों के अनुसार मारपीट भी ऐसे नहीं दोनों ने एक-दूसरे पर बेल्ट से हमला कर चोंटे पहुंचाई थी।
वार्ड में ही मारपीट की घटना होने के कारण मरीजों और परिजनों में हंगामा मच गया। वहीं मारपीट की सूचना पर मौके पर अन्य रेजीडेंट चिकित्सक भी आए। अन्य चिकित्सकों और वार्ड के स्टाफ ने बीच-बचाव किया और दोनों को अलग किया। चिकित्सालय के अधिकारियों को इस बारे में सूचना मिलने पर चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. डी.पी. सिंह ने दोनों चिकित्सकों को बुलाया और इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। जिसके बाद समझाईश की और समझाईश कर दोनों चिकित्सकों को रवाना कर दिया। इधर इस मामले में दोनों की ओर से ना तो थाने में मामला दर्ज करवाया है और ना ही इस बारे में किसी को जानकारी दे रहे है। वहीं चिकित्सालय अधीक्षक भी इस बारे में जानकारी देने से बच रहे है। यह तो रेजीडेंट चिकित्सकों के आपस का ही मामला था, इसी कारण मामला ज्यादा लम्बा नहीं हुआ। यही किसी मरीज या उसके परिजन की ओर से मारपीट की जाती तो यह मामला लम्बा हो जाता। जिसमें रेजीडेंट चिकित्सक पुन: हडताल पर जा सकते थे।
इमरजेंसी में तैनात रही पुलिस: इधर घटना के बाद एहतियात के तौर जहां चिकित्सालय में पुलिस जाब्ता तैनात रहा वहीं आपातकालीन सेवा इकाई में डयूटी पर तैनात रेजीडेंट एवं वहां आने वाले मरीजों की सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस के कांस्टेबल तैनात रही। इमरजेंसी में चैनल गेट को भी सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने आधा बंद रखा तथा मरीजों के साथ आने वाले परिजनों में से आवश्यक लोगों को ही उपचार के लिए साथ जाने दिया गया।
शक्ति दिखाने में लगे रेजीडेंट: पिछले दिनों रेजीडेंट के थप्पड मारने की घटना के बाद दो गुटों में बंटे रेजीडेंट अपनी अलग-अलग राह चल रहे है। उदयपुर में अब रेजीडेंट में बिखराव के साथ ही दो गुटों में बंटे अपनी शक्ति दिखाने में लगे है। कई सालों से रेजीडेंट के अध्यक्ष पद पर नियुत्त* कप्तान सिंह ही नियुक्त है परन्तु पिछले दिनों हुई घटना के बाद एक गुट कप्तान सिंह अलग हो गया। इसके बाद से ही दोनों ही गुटों में आपसी सामंजस्य की कमी के चलते तनातनी चल रही थी जो आज भिडंत में बदल गई।
रेजीडेंट में हुई भिडंत के बाद इमरजेंसी एवं आपातकालीन की सेवाएं भी कुछ समय के बाद बाधित हो गर्ई जिसे बाद में अस्पताल प्रशासन की मध्यस्थता में हुई बैठक के बाद पुन: सुचारू करवाया गया। ज्ञातव्य है कि उदयपुर के एम.बी. चिकित्सालय में रेजीडेंट द्वारा आये दिन मरीजों के साथ दुव्र्यवहार की घटना से कई बार मरीजों को परेशानी का सामना करना प$डता था। मरीजों के साथ दुव्र्यवहार के बाद रेजीडेंट की गलती के बावजूद पुलिस व प्रशासन को इनकी एकता एवं हठधॢमता के चलते कई बार चुप्पी साधनी पडती है।
पिछले दिनों से चल आ रहे विवाद के चलते दोनों गुटों में तनातनी हुई है। स्थिति पुन: नियंत्रण में है। दोनों ही गुटों को समझाइश् कर दी गई है। इधर, एक गुट के कप्तान सिंह ने नई कार्यकारिणी के विरोध में पत्र लिखा है जिस पर हम विचार कर रहे है।
– डॉ. चन्द्रा माथुर,
कार्यवाहक प्राचार्य
आरएनटी मेडिकल कॉलेज
रेजीडेन्ट चिकित्सक आपस में भिडे
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