एक सिपाही फरार
उदयपुर, गिरफ्तारी वारंट होने के बावजूद आरोपी को छोडने के एवज में बीस हजार रूपये रिश्वत लेने के आरोपी सुखेर पुलिस थाने के दो कांस्टेबल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों ने गिरफ्तार किया। इस दौरान तीसरा सिपाही फरार हो गया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि हॉस्पीटल रोड बेदला निवासी विक्रमसिंह पुत्र मदनसिंह पंवार ने न्यायालय से जारी गिरफ्तारी वारंट में गिरफ्तार नहीं करने के एवज में सुखेर थाने के कास्टेबल हबीबपुर थाना सेवर जिला भरतपुर निवासी नाहरसिंह पुत्र कलुआराम मीणा, रेल्वे कॉलोनी तहसील रूपवास जिला भरतपुर निवासी धीरज पुत्र गोपाल शर्मा, टोंक निवासी खुशीराम जाट के खिलाफ २० हजार रूपये रिश्वत मांगने की शिकायत ब्यूरों को दी। इस पर शुक्रवार सांय योजानुसार बुलावे के अनुसार पिडीत ने सुखेर थाने के समीप स्थित वीटी स्कूल गली में पहुचा जहां आरोपी नाहर सिंह, धीरज को नकदी दी। इधर इशारा मिलते ही ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक राजीव जोशी के नेतृतव में सी आई हरीशचन्द्रसिंह, कास्टेबल दिनेश कुमार, तिजेन्द्र सनाढ्य, अख्तर खां, ओकारसिंह, दानिश खॉ, मुनिर मोहम्मद, रामअवतार, विक्रमसिंह, गजेन्द्र कुमार ने दोनों कास्टेबल को गिरप*तार किया। इसकों देख समीप स्थित थाने में संतरी ड्यूटी पर तैनात खुशीराम जाट फरार हो गया।
परिवादी विक्रमसिंह सुखेर थाने का आदतन अपराधी है तथा गत ५ वर्ष से आरोपी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। गुरूवार को ११० सीआरपीसी में पाबंद करवाने के लिए आरोपियों ने उसे थाने पर बुलाया तथा १५०० रूपये लेकर उसे जमानत पर छोडने के बाद खुशीराम ने २ जनवरी को जारी न्यायिक मजिस्ट्रेज उत्तर २ के प्रकरण संख्या ७८५/१२ के गिरफ्तारी वारंट की ३ फरवरी को पेशी होने की जानकारी देते हुए छोड दिया। इसके एवंज में खुशीराम नाहरसिंह, धीरज ने १ लाख रूपये की मांग की जहां दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता में २० हजार में सौदा तय हुआ। शुक्रवार सवेरे नाहर सिंह ने फोन कर नकदी लेने पिडीत के घर आने की बात कही। नहीं पहुचने पर सांय फोन क थाने के पास पंट्रोल पंप पर नकदी लेकर बुलाया। जहां नाहर सिंह व धीरज मौजूद थे। इस पर आरोपी उसे समीप स्थित वीटी स्कूल गली की तरफ ले गए जहां धीरज को नकदी थी। उक्त रकम मेसे २ हजार खर्ची नहीं होने पर पिडीत को लौटा दिये। जहां से आरोपी नकदी लेकर थाने के पास गली में वितरण ककर रहे थे। इधर इशारा मिलते ही मोके पर मौजूद ब्यूरों की टीम ने दोनों को नकदी रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। इस दौरान चिल्लाने की आवाज सूनकर थाने में संतरी ड्यूटी पर तैनात खुशीराम प*रार हो गया। ब्यूरों ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
आरोपी नाहर सिंह १९ अक्टूबर २००१में कास्टेबल पद पर भर्ती अप्रेल १२ से वर्तमान तक सुखेर थाने मे, धीरज वर्ष २००८ में भर्ती हुआ तथा एक वर्ष से सुखेर थाने में एवं खुशीराम डेढ वर्ष से सुखेर थाने में कास्टेबल पद पर तैनात है।
इन्होने कहा: इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक ने कहा की थाने के शातिर अपराधी के खिलाफ न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद उसे धारा ११० में पाबंद करने के बाद छोडने के मामले की विभागिय जॉच करवाने एवं दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही।