बड़े अस्पताल में मरीजों को दूषित पानी की सप्लाई

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IMG_6983-265x300॥ स्टॉफ नहीं पीता है अस्पताल का पानी
॥ वर्षों से टंकियों की नहीं हुई सफाई

उदयपुर। संभाग के सबसे बड़े महाराणा भूपाल हॉस्पीटल में मरीजों को दूषित पानी सप्लाई किया जा रहा है। अस्पताल की छतों पर बनी पानी की टंकियों की लंबे अर्से से सफाई नहीं हुई है, जिसके चलते पानी से दुर्गंध भी आने लगी है। इससे ज्यादातर मरीजों ने अस्पताल का पानी पीना छोड़ दिया है और बाहर से पानी खरीदकर लाते हैं, लेकिन गरीब मरीजों और उनके तीमारदारों को आज भी दूषित पानी पीना पड़ रहा है, जिससे वह जलजनित रोगों के शिकार हो रहे हैं। क्रमददगारञ्ज ने जब अस्पताल की छतों पर जाकर टंकियों की जांच की तो सामने आया की सफाई नहीं होने के कारण पानी में काई जम चुकी है और दुर्गंध आने लगी है।

IMG_6996-300x199आंखो देखे हाल : अस्पताल अधीक्षक के मुताबिक टंकियों की सफाई हर साल होती है, लेकिन जब वहां जाकर देखा तो पता चला कि टंकिया की बरसों से सफाई नहीं हुई। इक्का-दुक्का टंकियों पर सफाई की तारीख मार्च, 2013 लिखी हुई थी और इससे पहले जून-2010 लिखी हुई है। बाकी किसी टंकी पर कोई तारीख नहीं मिली। अस्पताल में सिंटेक्स और सीमेंट की दो दर्जन से अधिक छोटी-बड़ी टंकियां लगी हुई है। सीमेंट की टंकियों की हालत इतनी खस्ता है, कि उनसे पानी रिसता रहता है, वे ऊपर से टूटी हुई है, जिसमें कचरा और मरे जानवर पड़े रहते हैं। सिंटेक्स की किसी भी टंकी का ढक्कन नहीं लगा हुआ है, सबकी सब खुली पड़ी हुई है। टंकियों के बाहर तक काई जमी हुई है। आउटडोर, एमरजेंसी, जनाना अस्पताल, बाल चिकित्सालय, कार्डियोलॉजी सहित सभी वार्डों में इन्हीं टंकियों का पानी सप्लाई किया जा रहा है। मरीज व उनके परिजन, यहां तक कि डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ को भी कई बार यही पानी पीना पड़ता है।
डॉक्टर व स्टॉफ घर से लाते हैं पानी: अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर, नर्सिंग स्टॉफ और अन्य कर्मचारी पीने का पानी अपने घर से बोतल में लेकर आते हैं, क्योंकि उन्हें अस्पताल में सप्लाई होने वाले दूषित पानी की जानकारी है। इसलिए वे लोग इस पानी का उपयोग नहीं करते। कई डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ तो कहते भी है कि ऐसे पानी को पीकर खुद मरीज नहीं बनना है।
IMG_6998-300x199दूषित पानी से यह ख़तरा: डॉक्टरों के मुताबिक दूषित पानी पीने से टाइफाइड, हैजा, पीलिया, आमाशय संक्रमण, कृमि रोग सिस्टी सरकोसिस, एस्केरेसिस सहित अन्य कई गंभीर बीमारियां होती है।

॥पानी की टंकियों की सफाई सालाना की जाती है, यदि किसी टंकी में ज्यादा गन्दगी है, तो उसको अभी साफ किया जाएगा। वैसे अस्पताल की सभी टंकियों की मरम्मत का काम भी एक दो-दिन में शुरू करवा दिया जाएगा।
-डीपी सिंह, अधीक्षक,
महाराणा भूपाल चिकित्सालय, उदयपुर

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
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