आधी रात को सैफी महल के बाहर मची भगदड़
भीड़ बढऩे से बिगड़े हालत, मरने वालों में उदयपुर का युवक भी शामिल मददगार रिपोर्टर
मुंबई। बोहरा समुदाय के धर्मगुरु डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन के इंतकाल के बाद आधी रात मुंबई के मलाबार हिल में स्थित सैफी महल के बाहर अनुयायियों की भीड़ ज्यादा होने से भगदड़ मच गई। इस दौरान १८ लोगों की मौत हो गई और ५९ लोग घायल हो गए हैं। मरने वालों और घायलों की संख्या की पुष्टि स्थानीय पुलिस ने की है।
हालांकि अपुष्ट सूत्रों के अनुसार मरने वालों की संख्या ज्यादा बताई जा रही है। मरने वालों में उदयपुर का एक युवक भी शामिल है।
ये लोग अपने धर्मगुरु के अंतिम दर्शन के लिए इक_ा हुए थे। धर्मगुरु डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन का निधन शुक्रवार को हुआ था। उनकी उम्र 102 साल थी। डॉ. बुरहानुद्दीन बोहरी समुदाय के धर्मगुरु थे।
उधर, पुलिस ने अब 18 लोगों के मौत की पुष्टि कर दी है। वहीं, यह भी बताया कि भगदड़ में कुल 59 लोग घायल हुए थे, जिसमें से 56 लोग अब तक घर जा चुके हैं और तीन लोग अभी अस्पताल में हैं, जिनका उपचार चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक देर रात लगभग तीन बजे के करीब भगदड़ मची थी। पुलिस का कहना है कि अब सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त कर दिए गए हैं। मुंबई के जिस इलाके में भगदड़ मची वह इलाका काफी हाईप्रोफाइल माना जाता है। उस इलाके में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री समेत कई उद्योगपतियों का भी आवास है।
डॉ. बुरहानुद्दीन के कार्यक्रमों में लाखों की संख्या में लोग शामिल होते थे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के पुख्ता इंतजाम के अलावा उनके खुद के गार्ड भी तैनात होते थे, लेकिन इस हादसे में कहीं न कहीं पुख्ता इंतजाम का अभाव था, जिसकी वजह से भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका।
उदयपुर के अब्दे अली की मौत
बोहरा समुदाय (शबाब गुट) के प्रवक्ता अली कौसर ने बताया कि मरने वालों में उदयपुर निवासी अब्दे अली (३२) आशिक अली भूट्टेवाला भी शामिल है, जो आधी रात को भगदड़ के दौरान फंस गया था, जिसकी मौत हो गई। डॉ. सैयदना के जनाजे में शामिल होने के लिए डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सागवाड़ा और उदयपुर से हजारों लोग बसों में भरकर मुंबई गए हैं।
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