उदयपुर. मेवाड़ में भाजपा के दो दिग्गज मौजूदा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और पूर्व मंत्री एवं प्रतापगढ़ के मौजूदा विधायक नंदलाल मीणा के राजनीतिक जीवन की शुरुआती जीत का अंतर अब तक दोहरा नहीं पाए हैं। ये नेता 1977 में पहली बार पार्टी टिकट से विधानसभा चुनाव लड़े थे। तब कटारिया ने 72.75 और मीणा ने 67.36 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। इतने वोट ये नेता अब तक हासिल नहीं कर पाए हैं। कटारिया विधानसभा व लोकसभा का एक-एक चुनाव हारे। नंदलाल एक बार चुनाव हारे। कटारिया बाद के चुनाव में 2008 में सर्वाधिक 58.94 प्रतिशत वोट लाए थे, जिसे शुरुआती जीत से 13.81 प्रतिशत कम थे। नंदलाल भी 1993 में 58.79 प्रतिशत वोट लाए थे जो शुरुआती जीत से 8.57 प्रतिशत कम थे।
जनसंघ के दिग्गज
उदयपुर से 1957 में जनसंघ से पहला चुनाव मदनलाल धुप्पड़ ने लड़ा था। इसके बाद जनसंघ से ही भानूकुमार शास्त्री ने उदयपुर से तीन चुनाव लड़े, लेकिन जीते सिर्फ 1972 में। तब कांग्रेस के प्रकाश आतुर को हराया था। इससे पहले 1962 व ७७ में मोहनलाल सुखाडिय़ा से हार गए थे।
छह बार विधायक, एक बार सांसद रहे कटारिया
: २००८ में उदयपुर शहर से लड़े, वोट पाए ५८.९४ प्रतिशत। प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्रिलोक पूर्बिया ३६.९५ प्रतिशत ही पा सके। कुल ५७.५ प्रतिशत वोटिंग।
: २००३ में ५२.६९ प्रतिशत वोट मिले जबकि प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्रिलोक पूर्बिया ४३ प्रतिशत वोट ही पा सके।
: १९९८ में बड़ीसादड़ी से लड़े। ४९.७४ प्रतिशत वोट लाए जबकि प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रकाश चौधरी ने ४८.३९ प्रतिशत वोट हासिल किए। कुल ७५ प्रतिशत वोटिंग।
: १९९३ में पहली बार क्षेत्र बदल कर बड़ीसादड़ी से लड़े और ५२ प्रतिशत वोट पाए। प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के दिनेश जोशी ४४.०४ प्रतिशत वोट पा सके।
: १९८५ में उदयपुर शहर से हारे। कटारिया ने 47.67 प्रतिश वोट ही पाए जबकि कांग्रेस की डॉ. गिरिजा व्यास ४९.५९ वोट पाकर जीत गई थीं।
: 1980 में उदयपुर शहर से कटारिया ने 50.23 प्रतिशत वोट पाकर कांग्रेस के शेषमल पगारिया को ४६.९३ प्रतिशत पर सिमटा दिया था। यहां कुल 49.41 प्रतिशत मतदान हुआ था।
: 1977 में कटारिया जनता पार्टी के टिकट पर उदयपुर शहर से लड़े और ७२.७५ प्रतिशत वोट पाकर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के हीरालाल देवपुरा को 23.61 प्रतिशत पर सिमटा दिया था। तब यहां कुल ५१.७३ प्रतिशत मतदान हुआ था।
पांच बार विधायक रहे नंदलाल
: 2008 में प्रतापगढ़ सीट से 50.98 प्रतिशत वोट लाए जबकि प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के बहादुरलाल मीणा 40.14 प्रतिशत पर सिमट गए।
: 2003 में 51.40 तो प्रतिद्वंद्वी विमलेश मीणा 37.46 प्रतिशत वोट लाई थी। कुल 70.68 प्रतिशत वोटिंग।
: 1998 में 47.71 तो प्रतिद्वंद्वी केसरसिंह को ४२.१३ प्रतिशत वोट मिले। कुल 61.18 प्रतिशत वोटिंग।
: 1993 में 58.79 प्रतिशत वोट मिले जबकि प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के धनराज को 38.96 प्रतिशत वोट मिले थे।
: 1985 में नंदलाल हारे। वे 41.93 प्रतिशत वोट ही ला सके जबकि कांग्रेस के धनराज को 58.07 प्रतिशत वोट मिले थे।
: 1977 में नंदलाल मीणा पहली बार बनी उदयपुर ग्रामीण सीट से जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और 67.36 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। प्रतिद्वंद्वी जयनारायण 32.64 प्रतिशत वोट ही हासिल कर पाए थे।
कटारिया, नंदलाल से जुड़ी रोचक बातें
ञ्चजनसंघ, जनता पार्टी के जमाने के नेता।
ञ्च पहली बार 1977 में जनता पार्टी से लड़ा था चुनाव।
ञ्च दोनों को विधानसभा चुनाव में एक-एक बार हारना पड़ा।
ञ्च राज्य में मंत्री रह चुके हैं। 1985 में हारे थे दोनों।