उदयपुर। शहर मे करीब २५ लाख लीटर पीने का पानी रोजाना चुराया जा रहा है। इसकी जानकारी जलदाय विभाग के सभी अधिकारियों को है, लेकिन वे जानबूझ कर इस मामले की अनदेखी कर रहे हैं। आंखे खोलने वाला तथ्य तो यह है कि विभागीय कर्मचारियों तथा निजी प्लंबरों ने सरकारी पाइपलाइनों से हजारों अवैध कनेक्शन जोड़ दिए हैं, जिनसे लोगों को पीने का पानी मुफ्त में सप्लाई हो रहा हैं। यही कारण है कि वैद्य कनेक्शनधारियों को नियमानुसार पूरा पानी नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं प्रतिदिन जलापूर्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी सफलता नहीं मिल रही है। साथ ही नयी लाइने डालने में भी धन की कमी आड़े आ रही है। वैसे नियमानुसार हर उपभोक्ता को ७५० लीटर पानी प्रतिदिन प्राप्त होना चाहिए लेकिन वर्तमान में बमुश्किल ५०० लीटर पानी भी नहीं मिल रहा है।
कितने वैध और कितने अवैध :
शहर में लगभग 80 हज़ार कनेक्शन वैध है जबकि शहर की विभिन्न बस्तियों में लगभग 7 से 10 हज़ार कनेक्शन अवैध है। अवैध कनेक्शनों कि संख्या शहर की विभिन्न कच्ची बस्तियों में ज्यादा है। यही नहीं कई नयी कॉलोनियों और शहर के आसपास बने नए मकानों में अवैध कनेक्शनों की भरमार है। जब मकान का काम चलता है तब मकान मालिक घर आये प्लंबर से घर के बाहर से जा रही सरकारी पाइप लाइन में अपना अवैध कनेक्शन करवा लेते है।
अधिकारी बैठे है शिकायत के इंतज़ार में :
जलदाय विभाग के अधिकारी मानते तो है कि शहर में अवैध कनेक्शन है । लेकिन वे सिर्फ शिकायत के इंतज़ार में बैठे रहते है कि कही से अगर शिकायत आये तो कार्रवाई की जाए। एस ई आनंद गौड़ मानते है कि अवैध कनेक्शन है और प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से इनकी संख्या भी बढ़ गयी है । इस बाबत् सरकार ने प्रत्येक जिले के लिए विजिलेंस टीम के पद स्वीकृत कर रखे है, लेकिन अभी तक इन पर कोई पोस्टिंग नहीं हो पायी है।
कितना पानी कहाँ से आता है :
शहर में पीने के पानी के मुख्य स्रोत मानसी वाकल, जयसमंद, झामर कोटड़ा, पिछोला, बड़ी तालाब और फतह सागर है, जिनमे मानसी वाकल से सबसे अधिक 25 एमएलडी, जयसमंद से 19 एमएलडी पिछोला से 18 एमएलडी , फतहसागर और बड़ी से लगभग 12 से 14 एमएलडी पानी रोज़ आता है , यानि करीब 8 करोड़ लीटर पानी रोज़ शहर में आता हैं। जिसमें से 25 लाख लीटर चुरा लिया जाता है।
सी एम ने दिए थे निर्देश :
हाल ही हुई जलदाय विभाग के कामकाज की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी अवैध कनेक्शन धारियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने और शहर के नियमित उपभोक्ताओं को नियम के मुताबिक़ पीने का पूरा पानी देने को कहा था ।
॥समय समय पर अवैध कनेक्शन के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। यदि आप बता रहे है, इतने कनेक्शन अवैध है, तो में अधिकारियों से जांच करवाता हूं।
-आनंद गौड़
एस ई जलदाय विभाग, उदयपुर
॥जब जब अवैध कनेक्शन की शिकायत आती है, तो कार्रवाई की जाती है और कनेक्शन को काट कर नोटिस भी दिया जाता है ।
-राजेन्द्र भारद्वाज
एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, जलदाय विभाग, उदयपुर (द्वितीय)
॥हमारी नॉलेज में इतने कनेक्शन अवैध नहीं है, समय समय पर निगरानी रखी जाती है यदि आपकी जानकारी में हो तो भी हमे बताये। हम कारवाई करेंगे।
– प्रहलाद मीणा
एक्जीक्यूटिव इंजीनियर , जलदाय विभाग उदयपुर, (प्रथम)
25 लाख लीटर पेयजल की रोजाना चोरी
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