सुविवि में मौखिक आदेश से पेंशन रोकी

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उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्व विद्यालय के करीब ५०० पेंशनधारियों को पिछले दो माह से पेंशन का भुगतान नहीं होने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह राशि करीब १ करोड़ रूपये प्रतिमाह है, जिसे पिछली सरकार के आखिरी दिनों में मौखिक आदेशों से रोका गया, लेकिन अब सरकार बदल जाने के बाद भी चुकारा नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं पेंशन भुगतान नहीं करने के संबंध में कई ऐसे कारण बताए जा रहे हैं, जिसका मूल विषय से कोई लेना देना नहीं हैं।
कुल मिलाकर यह सामने आया है कि विश्व विद्यालय के विघ्न संतोषी कुल सचिव ने पूरे मामले को अनावश्यक विवाद में डालकर उलझा दिया है। फल स्वरूप खामियाजा उन ५०० परिवारों को भुगतना पड़ रहा है, जो पेंशन राशि पर ही अपना गुजर बसर कर रहे हैं।
पेंशन योजना-
विश्व विद्यालयों में पेंशन योजना १ जनवरी १९९० को लागू की गई। इस पर अमल करते हुए तत्कालीन कुलपति ने ११ जुलाई १९९१ को एक सूचना प्रसारित कर सभी कार्यकर्ताओं को तीन माह में विकल्प पत्र प्रेेषित करने को कहा। तो कई कर्मचारियों ने अपने लिए पीएफ और अन्य ने पेंशन का विकल्प भरा। कुछ ने दोनों मे से कोई विकल्प नहीं भरा तो उनके लिए पेंशन का विकल्प मान लिया गया क्योंकि सूचना में ऐसा प्रसारित किया गया था। इसके बाद इस छूट की अवधि भी बढाई गई। इस दौरान कुछ कर्मचारी ऐसे भी थे, जिन्होंने पी.एफ का विकल्प बदल कर पेंशन का विकल्प भर दिया। इस पर आखिरी पत्र को मानते हुए विश्वविद्यालय ने भुगतान शुरू कर दिया।
दो मामले ऐसे भी सामने आए जो अवधि बीतने के पश्चात भी अपना विकल्प बदलना चाहते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा किए जाने के विपरीत फैसला दिया। हालांकि ऐसी स्थिति सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में नहीं आई सुप्रीम कोर्र्ट ने यह भी कहा कि पेंशनरों की पेंशन लगातार जारी रहेंगी। बहरहाल प्रदेश के सभी सरकारी विश्व विद्यालयों में आदेश की पालना करते हुए पेंशन धारियों को निरंतर भुगतान किया जा रहा है, लेकिन एकमात्र सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय ही ऐसा है, जहां गैरकानूनी रूप से पेंशन का भुगतान रोक दिया गया हैं। इस बाबत मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय पेंशनर सोसाइटी के अध्यक्ष डॉक्टर बी.पी.भटनागर ने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे को पत्र भेजकर पेंशनरों को अविलंब पेंशन भुगतान के आदेश देने की मांग की है। उनका यह भी कहना है कि विकल्प बदलने वाले ६० व्यक्तियों को छोड़कर बाकी का भूगतान कैेसे रोका जा सकता है।
:सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के प्रकाश में राज्य सरकार पेंशन रोकने के आदेश विधिवत जारी करने जा रही है। आदेश पाइपलाइन में हैं।
-प्रो. आई.वी त्रिवेदी
कुलपति, सुविवि, उदयपुर

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
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