उदयपुर. जिले की सभी अदालतों में लंबित मुकदमों में से राजीनामे तथा आपसी समन्वय से सुलझ सकने योग्य 13 हजार मुकदमों को निबटाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने नोटिस दिए हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में जिन मामलों का निर्णय किया जाना है उनमें अधिकांश चेक बाउंस से संबंधित हैं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्ण कालिक सचिव अलका गुप्ता ने बताया कि जिन मामलों की सुनवाई शुरू नहीं हुई (प्री लिटिगेशन केसेज) भी लोक अदालत में निस्तारण के लिए शामिल किए गए हैं। मारपीट, मोटर दुर्घटना, लेनदेन के विवाद, नगर निगम तथा नगर पालिकाओं व यूआईटी के साथ विवाद, बैंकों के रिकवरी संबंधी प्रकरण, राजस्व तथा कर संबंधी विवाद, पारिवारिक अदालत से संबंधित मामलों का निस्तारण किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 18 से 23 नवंबर तक स्थाई लोक अदालत में मुकदमों के फैसले दोनों पक्षकारों की रजामंदी से होंगे व अदालतों का आदेश दोनों पक्षों को मानना होगा। लोक अदालत विशेष सप्ताह के दौरान अन्य मुकदमों की सुनवाई नहीं की जाएगी। जिला मुख्यालय तथा कस्बों के सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत लगेगी। हत्या, हत्या का प्रयास, दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों को नेशनल लोक अदालत में शामिल नहीं किया गया है।
लोक अदालतों में विवादों की सुनवाई के दौरान वकील उपस्थित रहेंगे। बैंक, वित्तीय संस्थाएं, नगर निगम, नगर विकास प्रन्यास, हाउसिंग बोर्ड आदि मुकदमों से संबंधित विभागों के अधिकारियों को उपस्थित रहना होगा। लोक अदालत में पक्षकारों से जिरह, गवाहों के बयान या पक्षकारों की बहस नहीं होगी। दोनों पक्षों की सहमति से फैसले किए जाएंगे।