एनएचएम के मिशन निदेशक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिए सख्त निर्देश,
सरहदी इलाकों में आशाओं के जिम्मे होगी निगरानी की कमान
उदयपुर, राजस्थान में लिंग परीक्षण करने और कराने वालों की अब खैर नहीं। राजस्थान में अब इस मामले में हर तरफ पूरी सतर्कता के साथ तगड़ी निगरानी रखी जाएगी। लिंग परीक्षण के लिए सरहदी क्षेत्रों ख़ासकर गुजरात के विभिन्न इलाकों में जाने वालों और तथा भू्रण लिंग परीक्षण करने-कराने वाले बिचौलियों, डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों तथा इससे जुड़े लोगों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।
इस बारे में पीसीपीएनडीटी के राज्य समुचित अधिकारी व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक नवीन जैन ने राजस्थान के विभिन्न जिलों के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभागीय अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये गुरुवार को यह निर्देश दिए।
वीडियो कांफ्रेंस के दौरान उदयपुर कलेक्ट्रेट सभागार में पीसीपीएनडीटी के जिला नॉडल अधिकारी एवं संयुक्त निदेशक डॉ. आर.एन. बैरवा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव टांक, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रागिनी अग्रवाल, जिला कार्यक्रम समन्वयक जी.एस. राव, पीसीपीएनडीटी की जिला समन्वयक मनीषा भटनागर, आईईसी समन्वयक मधु अग्रवाल, आशा समन्वयक रेखा शर्मा सहित जिले के खण्ड कार्यक्रम समन्वयक एवं खण्ड स्वास्थ्य पर्यवेक्षक उपस्थित रहे। इन अधिकारियों ने लिंग परीक्षण की प्रभावी रोकथाक के बारे में जिले में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए सुझाव दिए।
आशाएं रखेंगी निगरानी
उन्होंने लिंग परीक्षण की रोकथाम के लिए जिले वार प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए और कहा कि इसके लिए सभी गांवों में सख्त निगरानी का व्यापक नेटवर्क तैयार किया जाए और आशाओं अथवा एएनएम के जरिये पूरी मुस्तैदी के साथ पैनी निगाह रखी जाए। उन्होंने बताया कि इसके लिए आशाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने आशाओं से अपील की कि वे अपने क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं के सम्पर्क में रहें प्रभावी मॉनिटरिंग करते हुए उन पर कड़ी निगरानी रखें।
मुखबिर योजना को प्रभावी बनाएं
उन्होंने जिले के जनजाति बाहुल्य एवं अन्य सरहदी क्षेत्रों जाकर लिंग परीक्षण या भू्रण हत्या जैसे कार्यों को अंजाम देने वाले लोगों पर विशेष सतर्कता के निर्देश दिए।
जैन ने विभाग की मुखबिर योजना को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए व व्यापक प्रचार प्रसार के और बताया कि इस प्रकार के कार्यों के बारे में जानकारी देने वालों को भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। इस योजना के तहत 2 लाख रुपये का प्रावधान है जिसके अंतर्गत इस कार्य को रोकने में सहायक मुखबिर को 80 हजार, गर्भवती महिला को 80 हजार व सहयोगी को 40 हजार रुपये प्रदान किए जाते हैं। इसमें मुखबिर का नाम पूर्णतः गोपनीय रखा जाता है। विभाग की ओर से कन्या भू्रण हत्या एवं लिंग परीक्षण की रोकथाम के लिए हेल्पलाइन नंबर 104 (टॉल फ्री नंबर) संचालित है, इस पर भी सूचना दी जा सकती है।
वीडियो कांफ्रेंंिसग के दौरान उदयपुर सहित बाड़मेर, सिरोही, जालौर, प्रतापगढ़, पाली, राजसमंद, डूंगरपुर व बांसवाड़ा के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभागीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
नवीन जैन ने लिंग परीक्षण एवं कन्या भ्रूण हत्या को गंभीर समस्या बताते हुए इस पर कड़ा शिकंजा ने एवं दोषी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र एवं समाज के हित में बेटियों की सुरक्षा हमारा परम दायित्व है लेकिन वर्तमान में लिंग परीक्षण एवं कन्या भू्रण हत्या एक आम समस्या बन चुकी है ऐसे में बेटियों का अस्तित्व खतरे में है। इस समस्या से निपटने के लिए सभी को पूरी गंभीरता से आगे आना होगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा बेटियों के हित में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित हैं, उनके प्रभावी क्रियान्वयन की जरूरत है। सभी का दायित्व है कि आमजन को जागरूक एवं शिक्षित करते हुए प्रत्येक बेटी को संबल प्रदान करंे जिससे इस प्रकार के अपराध पर लगाम लगे।
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