उदयपुर। उदयपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में सभी प्रत्याशी अपने चुनाव अभियान में लगे हुए है। कांग्रेस और भाजपा के प्रचारक रोज़ दौरे पर आरहे है और वोटरों को अपने तरीकों से लुभाने की कोशिश कर रहे है। लेकिन इस बार शहर का विधायक चुनने में शहर का युवा निर्णायक भूमिका में है। इस युवा वोटर की तादाद पिछले चुनाव की तुलना में पांच गुना बढ़ कर ३३ हज़ार हो गयी है। राजनीति के जानकार कहते है जिसने युवाओं को अपना बना लिया जीत उसी की होगी।
उदयपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र में कुल वोटरों की २.37 लाख है। इनमे से 33 हज़ार मतदाता सिर्फ युवा है। राजनीति विशेषग्य मानते है कि जिस दल ने युवाओं के 80 फीसदी वोट हासिल कर लिए उसकी जीत की संभावनाएं रहेंगी। भाजपा व कांग्रेस दोनों की निगाहें इन वोटरों पर हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि कुल वोटरों में सर्वाधिक वोट युवा वर्ग के होते हैं। यदि युवा अधिकाधिक मतदान करते हैं तो मत प्रतिशत भी अधिक होता है। पिछली बार जिले की विभिन्न सीटों पर 60 से 65 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार युवा मत अधिक होने से यह प्रतिशत 70 तक पहुंचने के आसार हैं।
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ज्यादा मतदान विपक्ष को लाभ… माना जाता है कि ज्यादा मत प्रतिशत हमेशा सत्ता के विरोध में यानी विपक्ष के लिए लाभकारी रहता हैं। सत्ता से आक्रोशित हो कर ही अधिक मतदान किया जाता है और इसमें युवाओं की संख्या ज्यादा होती है। भाजपा और कांग्रेस युवाओं को साधने की कोई कसार नहीं छोड़ रहे। भाजपा युवाओं को बूथ से जोड़ने का अभियान भी बड़े पैमाने पर चला रही है। तो कांग्रेस ने भी युवाओं को जोड़ने के लिए मेरा बूथ मेरा गौरव अभियान चलाया था, लेकिन भाजपा ने कॉलेजों व मोहल्ले में टेबलें लगाकर मतदाताओं को जोड़ने की कोशिशें की थी जिसका भाजपा को लाभ मिल सकता है।
राजनीतिक जानकार लालकुमार चुग का मानना है कि उदयपुर-शहर में जो उम्मीदवार 80 हजार से अधिक वोट लाएगा जीत का सेहरा उसी के सिर बंधेगा। पिछले चुनाव में मतदान प्रतिशत 60 से 65 प्रतिशत रहा। इस बार युवा मतदाता बढ़े हैं तो अनुमान है कि मतदान प्रतिशत 70 तक जाएगा। उदयपुर-शहर विधानसभा क्षेत्र में 2.37 लाख मतदाता हैं। इस बार भाजपाकांग्रेस के आलावा 4.5 प्रतिशत वोट अन्य प्रत्याशियों को व 0.5 प्रतिशत मत नोटा में जा सकते हैं।
युवाओं को शहर में अपनी प्रचार अभियान के दौरान भाजपा प्रत्याशी गुलाबचंद कटारिया व कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. गिरिजा व्यास दोनों ही युवाओं को रिझाने में लगे हैं। विशेष तरीकों
से उनसे संपर्क किया जा रहा है। भाजपा जहां एबीवीपी व युवा मोर्चा तो कांग्रेस एनएसयूआई व युवा कांग्रेस के माध्यम से युवाओं को अपने पक्ष में करने में लगे हैं।
युवाओं के लिए सोशल मिडिया पर जम कर विशेष केम्पेन चलाया जा रहा है। तरह तरह की विसेह्श पोस्ट के जरिये युवाओं को साधा जारहा है।