उदयपुर. आईआईएम उदयपुर व दात्री फाउंडेशन (चेन्नई) ब्लड कैंसर से पीडि़त मरीजों को स्टेम सेल उपलब्ध करवाएंगे। इसके लिए मंगलवार को आईआईएम परिसर में आमजन के स्वाब या ब्लड के नमूने लिए जाएंगे। इन नमूनों को चेन्नई भेजा जाएगा, जहां से मिलान होने के बाद संबंधित व्यक्ति से स्टेम सेल लेकर कैंसर पीडि़त मरीजों को दिए जाएंगे। इससे मरीजों को छह माह तक राहत मिल सकेगी। आईआईएम उदयपुर के निदेशक प्रो.जनत शाह ने बताया कि स्टूडेंट्स क्लब प्रयत्न की पहल पर यह जिम्मेदारी हाथ में ली गई है।
प्रयत्न के शितांशु ने बताया कि हमने एक शोध से जाना कि देश में ब्लड कैंसर से पीडि़त मरीजों को समय पर ब्लड तो उपलब्ध हो जाता है, लेकिन जीवन बढ़ाने वाला स्टेम सेल उपलब्ध नहीं होता है। इस पर हमने दात्री फाउंडेशन से संपर्क किया तो इस बात की पुष्टि हुई। उनका कहना है कि यह काम मुश्किल भरा है, क्योंकि दस हजार नमूनों में से कोई एक नमूना ऐसा होता है, जो संबंधित रोगी की जरूरत के अनुसार होता है।
सेल कॉम्बिनेशन मिलान हो सकेगा
कैंसर रोग विशेष डॉ. नरेंद्र राठौड़ कहते हैं कि स्वाब टेस्ट से यह पता चल जाएगा कि उस व्यक्ति का सेल कॉम्बिनेशन क्या है। किसी रोगी को आवश्यकता होगी तो उसके अस्थि मज्जा (बोन मेरो) से इन सेल का कलेक्शन कर मरीज को राहत दी जा सकेगी। स्वाब टेस्ट की इस प्रक्रिया को ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटिजन (एचएलए) कहा जाता है। इसमें एक ही कोशिका पूरे शरीर का प्रतिनिधित्व करती है।
आज होगा सेंपल कलेक्शन
प्रयत्न क्लब से मिली जानकारी के अनुसार सैंपल कलेक्शन का कार्य मंगलवार को दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक आईआईएम परिसर में ही किया जाएगा। बताया गया कि इसके लिए ज्यादा देर तक कतार में लगने की भी आवश्यकता नहीं रहती है। स्वाब नमूना देने में पांच मिनट का समय लगता है।
यह रहेगी प्रक्रिया
स्वाब व ब्लड में मौजूद स्टेम सेल का मिलान मरीज की स्टेम सेल से किया जाएगा। मिलान होने पर संबंधित व्यक्ति को चेन्नई भेजकर उसकी रीड की हड्डी से स्टेम सेल एकत्र किए जाएंगे। ये स्टेम सेल मरीज के शरीर में डाले जाएंगे। डॉक्टरों के मुताबिक रीड की हड्डी (बोन मेरो) में स्टेम सेल की संख्या सबसे ज्यादा होती है।
कलेक्शन- उदयपुर एवं अन्य शहरों में स्वाब (लार) के नमूने लिए जाएंगे। नमूनों की जांच चेन्नई में होगी। स्टेम सेल का मिलान ब्लड कैंसर पीडि़त से हो जाता है, तो नमूने देने वाले को सूचित किया जाएगा। इन सेल को उस मरीज तक पहुंचाने का कार्य दात्री फाउंडेशन करेगा।
मॉनिटरिंग- आईआईएम और दात्री ने विभिन्न वेबसाइट पर इस बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई है। सोशल मीडिया पर भी इसे शीघ्र डाला जाना है। पीड़ित लोगों को आईआईएम में संपर्क करना होगा। मिलान होने पर उसे स्टेम सेल उपलब्ध करवाया जाएगा।
क्या है स्टेम सेल
स्टेम सेल शुरुआती कोशिका होती है, जो किसी भी तरह की कोशिका में परिवर्तित हो सकती है।