उदयपुर. उदयपुर से जोधपुर के बीच ट्रेन चलाने के लिए रेल सलाहकार समितियों ने नया रास्ता सुझाया है। कोलकाता-उदयपुर के बीच सप्ताह में एक बार चलने वाली ट्रेनों को सप्ताह में दो दिन वाया अजमेर फुलेरा होकर जोधपुर चलाने की मांग की गई है। समिति के सदस्यों ने रेल मंत्री को अवगत कराया कि उदयपुर में 50 घंटे से अधिक समय तक खड़े रहने वाले अनन्या व शालीमार गाडिय़ों के रेक जोधपुर तक चलाए जा सकते हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे की जोनल सलाहकार समिति के सदस्य गोपाल कृष्ण शर्मा व एम.एस. खमेसरा ने रेल मंत्री को सुझाव पत्र भेजा है।
ऐसे चलाएं : जोनल सलाहकार समिति के सदस्यों के सुझाव के मुताबिक दोनों ट्रेनों के रैक उदयपुर सिटी के यार्ड में फालतू खड़े न रख कर सप्ताह में एक-एक बार जोधपुर तक चलाए जा सकते हैं। रेलवे को सिर्फ डीजल इंजन के इंतजाम करने होंगे। डिब्बों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
रेल शुरू होने से जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर, रामदेवरा तथा नाकोड़ा भैरव जाने वाले पर्यटकों को सुविधा मिलेगी। मारवाड़ से नाथद्वारा, कांकरोली, उदयपुर आने वाले पर्यटक रेल का लाभ ले सकेंगे। वर्तमान में जोधपुर जाने के लिए दो मार्ग वाया रणकपुर व वाया देसूरी हैं। दोनों मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं जिन पर वाहनों का संचालन सुरक्षित नहीं है। जोधपुर तक ट्रेन या विमान की सुविधा न होने से सड़क मार्ग ही सहारा है।
उदयपुर से शताब्दी चलाने की दरकार
उच्च दर्जे की ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस उदयपुर-दिल्ली के बीच चला कर हवाई यात्रियों को सफर की वैकल्पिक सुविधा दी जा सकती है। दिल्ली-अजमेर के बीच नियमित रूप से चलने वाली शताब्दी उदयपुर तक चलाने की मांग रेल मंत्री पवन बंसल से सांसद रघुवीर मीणा ने की है। मीणा ने रेल मंत्री को भेजे पत्र में बताया कि एक रैक का अतिरिक्त इंतजाम करने से शताब्दी एक्सप्रेस दिल्ली-उदयपुर के बीच चलाई जा सकेगी। इससे टूरिस्ट सीजन में एयरलाइन कंपनियों का यात्री भार कम होगा।