राज्यमंत्री , बांसवाडा के विधायक अब खुल कर नफरत फैला धर्म के नाम पर वोट मांग रहे है – मामला हुआ दर्ज .

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Udaipur. किसी ने सही ही कहा है खादी धारी नेता अपनी कुर्सी और वोटों के लिए किसी भी हद तक जा सकते है तो फिर आचार संहिता इनके लिए क्या चीज़ है . आचार संहिता का तो ये लोग अचार बना कर मर्तबान में रख देते है . बांसवाडा ग्रामीण विकास और पंचायत रात मंत्री धन सिंह रावत अब सभा में खुल कर धर्म के नाम पर वोट मांग रहे है। इनका कहना है कि जब मुसलमान एक जुट हो कर कांग्रेस को वोट दे सकते है तो हिन्दू भाजपा को वोट क्यूँ नहीं दे सकते।
हालाँकि मंत्री महोदय इस बयान के बाद आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन में फंस गए हैं। राज्य चुनाव आयोग के निर्देश पर बांसवाड़ा के सहायक रिटर्निंग अधिकारी ने राज्यमंत्री रावत के खिलाफ कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। साथ ही उन्हें नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है। सिरोही के गांव एवडी हाल बांसवाड़ा तहसीलदार एवं सहायक रिटर्निंग अधिकारी रामसिंह राव पुत्र मूलसिंह राव ने 29 अक्टूबर को कोतवाली थाना पुलिस को सौंपी रिपोर्ट में बताया कि 27 अक्टूबर को उदयपुर रोड स्थित निजी वाटिका में हाउसिंग बोर्ड निवासी राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने सभा में मौजूद लोगों को यह कहते हुए सार्वजनिक भाषण दिया कि मुसलमान कांग्रेस को वोट देते हैं। कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है। प्रदेश के हिंदुओं को एकजुट होकर बीजेपी को वोट देना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार आगामी विधानसभाओं के मद्देनजर आचार संहिता के बावजूद रावत ने विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता व घृणा की भावना पैदा करने की नियत से कटुतापूर्ण भाषण दिया है। रिपोर्ट अनुसार आरोपी रावत का भाषण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 के तहत दण्डनीय अपराध है। गौरतलब है कि 27 अक्टूबर को वाटिका में भाजपा बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का नवशक्ति सम्मेलन था, जिसमें राज्यमंत्री ने उक्त बयान अपने संबोधन में दिया था।
चुनाव आयोग से मिली शिकायत रिटर्निंग अधिकारी एवं बांसवाड़ा उपखंड अधिकारी पूजा पार्थ ने मंगलवार को बताया कि सीईओ राजस्थान को रावत के खिलाफ धर्म के आधार पर वोट मांगे जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। स्थानीय स्तर पर यह मामला संज्ञान में था। सीईओ राजस्थान से रिपोर्ट आते ही धनसिंह रावत को आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस जारी किया है और कोतवाली थाने को रिपोर्ट दर्ज करने के लिए प्रकरण भेजा।
बयान का विरोध भी गौरतलब है कि मंत्री के बयान के बाद कांग्रेस ने जिला निर्वाचन अधिकारी को सोमवार को पत्र देकर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। वहीं अंजुमन इस्लामिया के सदर नईम शेख ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मुस्लिम समुदाय किसी पार्टी का पक्षधर नहीं है। मंत्री के बयान से समाज के लोगों को धक्का लगा है। बयान एक कौम को समाज की अन्य कौमों से अलग रखने की कोशिश जैसा है। बयान से मुस्लिम समुदाय में गलत संदेश गया. यह कहा था गृहमंत्री ने राज्यमंत्री के बयान के अगले दिन रविवार को बांसवाड़ा आए गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा था कि मतदाता की कोई जात नहीं होती है। मतदाता उस व्यक्ति को वोट दे जिससे देश का विकास हो। भाजपा का यह कभी उद्देश्य नहीं रहा कि किसी धर्म का व्यक्ति वोट देगा या नहीं देगा।

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