व्यापारिक प्रतिस्प्रधा के चलते भाजपा पार्षद के भाई की ह्त्या – पुलिस ने किया मामले का खुलासा .

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उदयपुर. उदयपुर शहर के वार्ड 43 की भाजपा पार्षद सरोज अग्रवाल के भाई सत्यनारायण अग्रवाल (40) की मंगलवार रात हत्या कर दी गई. सत्यनारायण उदयपुर जिले की मावली तहसील के फतहनगर का निवासी है. बुधवार सुबह मावली-नाथद्वारा मार्ग पर बड़ियार के समीप गायरियावास गांव में सड़क किनारे शव मिलने के बाद फतहनगर में हंगामा हो गया. यह जगह फतहनगर से 18 किलोमीटर दूर है. यह जानकारी फैलने के बाद बाजार बंद हो गए.

व्यापारियों में जबर्दस्त आक्रोश व्याप्त हो गया. सड़क पर टायर जलाकर मार्ग भी अवरुद्ध कर दिया गया. मामले की जानकारी मिलते ही मावली विधायक धर्मनारायण जोशी भी फतहनगर पहुंच गए. हालात के मद्देनजर उदयपुर पुलिस लाइन से भी अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया. इस बीच, मावली पुलिस ने शंका के आधार पर घनश्याम जीनगर व उसके दो बेटों लोकेश व चेतन को हिरासत में ले लिया है. तीनों से सख्त पूछताछ की जा रही है. बताया जा रहा है कि मृतक सत्यनारायण व लोकेश में मित्रता थी.
मामले का हुआ खुलासा :
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी ने इसे फोन कर पूूछा, कहांं हो कुछ काम है। इस पर सत्यनारायण ने कहा, घर पर हूंं और खाना खा रहा हूंं। थोड़़ी़ देर बाद आरोपी का वापस फोन आया तो बताया कि कॉलेज के बाहर हूंं। इस पर आरोपी ने उसे वहींं रुकने का कहा। आरोपी सत्यनारायण को कॉलेज के बाहर से अपनी कार में बैठाकर मेन चौराहे पर लेकर आया फिर आरोपी ने उसे कुछ खाने के लिए कहा कि चाउमीन खाओ। इस पर सत्यनारायण ने कहा कि मैं अभी खाना खा कर आया हूं । इसके बाद आरोपी ने फालूदा लिया और उस फालूदा में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे दे दिया। फालूदा पीने के बाद आरोपियों ने सत्यनारायण को मेन चौराहा से प्रताप चौराया और प्रताप चौराहा फाटक बंद होने के बाद रेलवे पटरियों के सारे उसे महर्षि दयानंद स्कूल से होते हुए मेन रोड स्थित शिवम एजेंसी तक घुमाया। वहांं से उसे मावली की ओर लेकर चले गए। नाथद्वारा रोड पर बड़ीयार के निकट कार के अंदर ही उसे तकिए की मदद से उसका दम घोंंटा गया और उसके बाद उसे सड़क किनारे फेंक देने के बाद वहां से आरोपी वापस फतहनगर आ गया। पुलिस आरोपी से इस घटना में शामिल अन्य साथियों के बारे में पूछताछ कर रही है।
यह भी खुलासा हुआ कि‍ जिस दुकान को सत्यनारायण ने किराये पर ली वो पहले लोकेश जीनगर ने ले रखी थी। सत्यनारायण ने यह दुकान अधिक भाड़ा देकर दुकान मालिक से यह दुकान किराए पर ले ली। इस पर लोकेश को यह दुकान खाली करनी पड़ी। इसके बाद लोकेश ने उसी दुुकान के सामने दूूसरी दुकान लगा ली। दोनोंं का काम बैैग बेचने का था इसलिए दोनोंं दुकानों के बीच मुुुुकाबला होने लगा। इसी विवाद में लोकेश इस घटना का अंजाम दिया है

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