एक मृत्यु प्रमाण पत्र की कीमत 30 हज़ार रूपये – ये उदयपुर का एमबी अस्पताल है , यहाँ टल्ला देने के लिए दिन भर दौडाते है।

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उदयपुर. साहब, आपके अस्पताल में ही आदमी मरा है, सिर्फ कागज पर लिखकर दे दो कि उसकी मौत हो गई। परिजने के इस अनुनय – विनय को सुनकर हर कोई द्रवित हो गया लेकिन अस्पताल के कार्मिक जरा भी नहीं पसीजे। कोसों दूर से किराए की गाड़ी लेकर आए परिजनों को कार्मिकों ने सुबह से शाम तक अलग-अलग दफ्तरों में चक्कर कटवाए। शाम को छुट्टी का समय पूरा होते ही कार्मिक घर चले गए लेकिन उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं | दिया और बोले ‘अब कल आना।’ | यह वेदना भरतपुर जिले के जीराहेड़ा पाड़ निवासी मजलिस खां व उनके परिजनों की है। इनके परिवार के वारिश (20) पुत्र इस्माइल मेव का गत 5 दिसम्बर को गंगरार के निकट एक दुर्घटना में निधन हो गया था। पेशे से ट्रक चालक वारिश दुर्घटना के दौरान खलासी मोहसम के साथ मुंबई से दिल्ली जा रहा था। हादसे में चालक व खलासी दोनों घायल हो गए। गंगरार में चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद दोनें को यहां एमबी चिकित्सालय रेफर किया लेकिन रास्ते में वारिश ने दम तोड़ दिया। 6 दिसम्बर को चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजने के सुपर्द किया। उसी दिन घायल खलासी को छुट्टी दे दी लेकिन उसे भी डिस्चार्ज टिकट नहीं दिया। अब म्रत्युप्रमण पत्र के लिए उन्हें करीब 30 हज़ार रूपये खर्च करने पढ़ रहे है जिसमे गाडी भाडा और होटल किराया शामिल है।

किराए की गाड़ी लेकर आए, निकाल दिया दिन
दुर्घटना क्लेम के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता होने पर परिजन किराए की गाड़ी से पहले गंगरार थाने पहुंचे, जहां आईओ ने उन्हें पंचनामा रिपोर्ट देकर मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए एमवी चिकित्सालय भेज दिया। परिजन सुबह 8 बजे अस्पताल पहुंच गए। परिजन जैसे-तैसे रिकॉर्ड रूम में पहुंच गए, जहां तैनात मैडम ने पहले उन्हें अधीक्षक कार्यालय से लिखवा कर लाने के लिए भेज दिया। प्राचार्य कार्यालय, रिकॉर्ड रूम, मुर्दाघर, मेडिकल कॉलेज सहित अन्य विभागों के चक्कर काटते हुए परिजने का पूरा दिन गुजर गया लेकिन किसी ने उन्हें कौनसे कागज़ कहां मिलेगें, कोई जानकारी नहीं दी।

अस्पताल में चक्कर काटते हुए पीड़ित परिवार अपराह्न साढ़े तीन बजे मुर्दाघर में पहुंचा। वहां पर दैनिक अखबार राजस्थान पत्रिका संवाददाता मोहम्मद इलियास ने थके-हारे परिजनों से बातचीत की तो पूरा माजरा सामने आया। संवाददाता इलियास ने मोबाइल पर गंगरार थाने के आईओ से बातचीत कर ऑनलाइन पोस्टमार्टम रिपोर्ट मंगवाई। बाद में सभी दस्तावेज तैयार कर रिकॉर्ड रुम भेजा तो वहां ड्यूटी टाइम पूरा होने की बात कर कल आने का कहकर टाल दिया।

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