राजस्थान में अचानक मौसम ने खाया पलटा, ओलों की हुई बरसात, किसानों की फ़िक्र बढ़ी

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उदयपुर पोस्ट. राजस्थान में मानसून विदाई के एक दिन पहले प्रदेश में फिर से मौसम पलटा खा गया। प्रदेश के श्रीगंगानगर जिले में शुक्रवार को अचानक मौसम बदला और तेज हवाओं के साथ ओलों की बारिश हो गई। श्रीगंगानगर के गजसिंहपुर क्षेत्र के गांवों में तेज बारिश के साथ ओले गिरे। गजसिंहपुर के समीप के गांवों में जोरदार बारिश और तेज हवाओं के साथ मटर के आकार के ओले गिरे। वहीं ओले गिरने से किसानों की चिंता और बढ़ गई है। क्षेत्र में पड़ रही है तेज बारिश ओलों से पकी फसल को काफी नुकसान की आंशका है।
गौरतलब है कि प्रदेश के पश्चिमी इलाकों से शनिवार को मौसम केंद्र मानसून विदाई की औपचारिक घोषणा करने वाला है। बीते तीन दिनों से प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश का दौर थमा रहा है वहीं अब दिन में गर्मी के तेवर तीखे होने लगे हैं। हालांकि सुबह शाम में हवा में नमी के कारण मौसम का मिजाज ठंडा रहा है। वहीं श्रीगंगानगर में अचानक मौसम ने अपना रुख जाते जाते बदल दिया और एक बार फिर मेघ मेहरबान हो गए। लेकिन इस बार ये मेघ जाते जाते किसानों की चिंता बढ़ा गए।
प्रदेश के पश्चिमी मैदानी इलाकों में दिन का तापमान 35 डिग्री व उससे ज्यादा रहने पर फिर से गर्मी का अहसास हो रहा है। मानसून के आखिरी दौर में प्रदेश में मेघ जमकर बरसे। बीते चार दिन में हुई भारी बारिश ने छोटे बड़े करीब 16 बांध लबालब हो गए। अब तक प्रदेश के 141 बांध छलक चुके हैं जबकि अब भी 324 बांधों में पानी की आवक का इंतजार बना रहा।
राजधानी में आज सुबह भी मौसम का मिजाज शुष्क रहा। दिन का तापमान सामान्य से ज्यादा दर्ज हो रहा है वहीं आसमान साफ रहने पर दिन में धूप की तपिश भी मौसम में गर्माहट बढ़ा रही है। जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार शहर में आज सुबह मौसम शुष्क रहेगा वहीं दिन के तापमान में आंशिक बढ़ोतरी हो सकती है।
जयपुर को दो महीने जलापूर्ति जितना पानी बांध में उपलब्ध हो गया है। प्रदेश से मानसून अगले चौबीस घंटे में लगभग विदा हो जाएगा, लेकिन विदाई से पहले बीते सप्ताह चले बारिश के आखिरी दौर ने जयपुर, टोंक और अजमेर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध में दो महीने जलापूर्ति लायक पानी का इंतजाम कर दिया है। हालांकि बीते तीन दिन से प्रदेशभर में बारिश का दौर थमा हुआ है बावजूद इसके बांध में पानी की आवक लगातार हो रही है।
बीसलपुर कंट्रोल रूम के अनुसार आज सुबह छह बजे बांध का जलस्तर 310.08 आरएल मीटर रिकॉर्ड हुआ है जो इस सीजन का सर्वाधिक स्तर रहा है। त्रिवेणी में अब भी पानी का बहाव 1.70 मीटर उंचाई पर चल रहा है जिससे बांध में लगातार पानी की आवक बनी हुई है। बीती रात तक औसतन प्रतिघंटे बांध का जलस्तर एक सेंटीमीटर तक बढ़ रहा था जो आज सुबह थोड़ा कम हुआ है, लेकिन फिर भी अगले तीन चार दिन तक बांध में पानी की आवक बने रहने की उम्मीद है।

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