उदयपुर। शुक्रवार की रात सूरजपोल चौराहे पर समय सीमा के बाद कवी सम्मलेन रुकवाने गए पुलिस अधिकारियों और भाजपा नेताओं में धक्का मुक्की हो गयी। जहाँ एक तरफ घटना को लेकर भाजपा नेता आक्रोशित है और गृहमंत्री से सूरजपोल थाना अधिकारी को हटाने की मांग कर रहे है वहीँ पुलिस 10 बजे बाद तेज आवाज़ में माइक नहीं बजाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेशों की पालना करवाने का हवाला दे रही है। घटना के विडियो हुए वायरल जनता का मानना थाना अधिकारी ने कुछ गलत नहीं किया नियम सबके लिए बराबर चाहे कोई नेता ही क्यूँ ना हो.
जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात सूरजपोल चौराहे पर गणेश उत्सव के अंतर्गत हिन्दू महा सभा टाइगर फ़ोर्स द्वारा कवी सम्मलेन का आयोजन किया जा रहा था। कवी सम्मेनल में भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट मंडल अध्यक्ष चंचल अग्रवाल सहित कई भाजपा नेता भी मोजूद थे। 11 बजे के बाद कवी सम्मलेन में सूरजपोल थाना अधिकारी आदर्श कुमार ने आयोजनकर्ता श्याम बाबा से कवी सम्मलेन बंद करने को कहा। एक बार कहने पर जब साउंड और कवि सम्मेलन बंद नहीं हुआ तो थाना अधिकारी आदर्श कुमार ने कड़ाई से कवी सम्मलेन को बंद करने को कहा। कवी सम्मलेन में मोजूद भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट ने बिच में बोला तो थाना अधिकारी ने नियमों का हवाला देते हुए कह दिया की नियम नहीं है कि ११ बजे बाद भी साउंड बजे। जिलाध्यक्ष को मना करने के बाद मोजूद भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं ने अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया कि जिलाध्यक्ष को एसा कैसे कह दिया . नियमों के आधार पर देखा जाए तो थाना अधिकारी आदर्श कुमार कही गलत नहीं थे. लेकिन जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट को मना कहना मोजूद भाजपा पदाधिकारियों को आखर गया और एक तरह से खादी और खाकी आमने सामने हो गए। एक तरफ थाना अधिकारी आदर्श कुमार बंद करवाने पर अड़े रहे वहीँ भाजपा नेता अपनी तोहीन समझ कवी सम्मलेन को चलाने पर आमादा रहे। धीरे धीरे सूरजपोल चौराहा पुलिस छावनी में तब्दील हो गया और कई अधिकारी मोके पर पहुच गए। एक बार तो एसा तक आगया कि पुलिस अधिकारियों के साथ भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं ने धक्का मुक्की तक कर डाली।
शनिवार सुबह घटना के विडियो तेजी से शहर भर में वायरल होते रहे। भाजपा समर्थक एक तरफ भाजपा और सत्ता की तोहिन बता रहे है वही दूसरी तरफ आम शहरवासी नियम सबके लिए बराबर कह वीडियो वायरल कर रहे है।
पुलिस और नेताओं की यह लड़ाई शहर विधायक और राज्य के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के पास भी पहुची है। कटारिया ने जांच के बाद कारवाई करने को कहा है। इधर भाजपा नेता जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट के साथ थाना अधिकारी द्वारा दुर्वय्वार की बात को लेकर आक्रोशित है और कारवाई करने पर अड़े हुए है। वहीँ दूसरी तरफ भाजपा का दूसरा धड़ भैरोसिंह शेखावत मंच पुलिस अधिकारियों के पक्ष में आगया है और उनका कहना है कि चाहे कोई भी हो नियम सबके लिए बराबर है।
इस सारे मामले को लेकर सबसे ज्यादा पशोपेश जैसी स्थिति गृहमंत्री और जगत भाईसाहब कटारिया जी की है। वह न तो अपने विभाग के अधिकारी पर कार्रवाई कर सकते हैं न ही अपनी पार्टी के पदाधिकारी के अपमान को दरकिनार। वैसे इस मामले में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जन सुनवाई के दौरान पार्टी के कुछ लोगों की ओर से लिखीत शिकायत पत्र जरूर दिया है। बिना पढ़े किसी शिकायत पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। शिकायत पर पहले जांच करवाई जाएगी और जिस किसी की ओर से गलती हुई है उस को दंड दिया जाएगा।
वीडियो हमने भी देखे और घटना के वक़्त मोजूद लोगों से बात भी की . देखा जाए तो थाना अधिकारी नियमों के हिसाब से कही भी गलत नहीं, लेकिन अगर थोड़ी रियायत देदी जाती तब भी चल सकता था . दूसरी तरफ यह भी देखा जा रहा है कि कवी सम्मलेन का संचालक श्याम बाबा का भी रिकार्ड इतना अच्छा नहीं कि पुलिस रियायत दे कर कोई मोका दे ,.. भाजपा के जिलाध्यक्ष सहित अन्य नेताओं को भी यह सब बात सोचनी चाहिए और इसे मोके पर जब कि हर तरफ सत्ता आपकी है तो शालीनता बरतते हुए सारी बातों को ध्यान में रख मामले को ठंडा करना चाहिए ताकि जो पुलिस जनता की सुरक्षा में रात भर जागती रहती है उसका मनोबल भी बना रहे .
फिल्म स्पाइडरमैन का एक डायलोग है जब साधारण युवा के पास स्पाइडरमैन वाली ताक़त आजाती है तब उसके अंकल कहते है .
ताकत जिसके पास होती है उसकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती है,.. उसको हमेशा लोगों का ध्यान रखना पड़ता है लेकिन यहाँ सब कुछ उलटा है ,.. सत्ता के साथ साथ ताक़त आती है और ताक़त आते ही नेता इस ताक़त के नशे में मदमस्त हो जाते है और अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझते . शायद यह घटना ऐसी ही ताक़त की परिणिति है .
Shame on bjp grt police 👮♀️ jai hind hats of Aadarsh kumar sir we proud of u👏🏼