पोस्ट न्यूज़। आप सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता है तो कोई भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है और अगर आपका बेटा प्रधान है तो फिर कहना ही क्या। जीहां हम बात कर रहे गोगुन्दा प्रधान पुश्कर तेली के पिता पन्नालाल तेली की। जिन्हे बजरी माफिया या उनसे जुड़ा हुआ कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। जब से पुश्कर तेली प्रधान बने है, पिता जी की गाडियों के चक्के रूकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। वैसे इस बात का खुलासा भी कई बार हो चुका है कि अवैध बजरी खनन और उसकी खरीद फरोख्त में प्रधान जी के पिता जी का हस्तक्षेप है लेकिन कहीं से कभी भी कोई ठोस कार्रवाई आज तक नहीं हो पाई है। हां कार्रवाई हुई है तो उन नीडर अधिकारियों पर जिन्होंने सरेराह गाडियों को रोककर चालान काटने की जहमत उठाई थी। पन्नालाल जी का रसूख इतना है कि उन्होंने उन सभी के तबादले करवा दिए जो उनकी आंखों में खटक रहे थे। चलिए अब आपको लिए चलते है बुधवार को घटित हुई घटना की ओर। जहां खनिज विभाग ने अवैध रूप से बजरी ले जा रहे एक डंपर को जब्त कर ओगणा थाने में खड़ा करवाया। खान विभाग की टीम दिनभर ओगणा थाना क्षेत्र में बजरी खदानों से अवैध परिवहन पर कार्रवाई की नीयत से घूम रही थी। तभी देर रात अटाटिया गांव से गोगुन्दा की ओर जा रहे बजरी से भरे एक डम्पर के चालक की नजर खान विभाग के वाहन पर पड़ गई। मौका देखते ही चालक डंपर सड़क किनारे छोड़कर भाग गया। इस दौरान टीम ने डम्पर जब्त करने के बाद ओगणा थाने के सुपूर्द कर दिया। आपको बता दे कि डम्पर के आगे और पीछे नम्बर नहीं होने से इसका मालिक कौन है. यह पता एकाएक नहीं लग पाया। वहीं गुरूवार जब चेचिस नम्बर के आधार पर जांच की गई तो पता चला कि यह डम्पर गोगुन्दा निवासी पन्नालाल तेली का है, और इसके नम्बर आर जे 27 जीसी 1858 है। अब पुलिस खान विभाग ने गाड़ी के नम्बर के आधार पर मालिक पर कार्रवाई कर सकती हैं लेकिन सर्वविदित है कि आज तक जिस भी इमानदारी अधिकारी ने इस बाहूबली पर हाथ डालने का प्रयास किया है वह या तो हटा दिया गया या उपेक्षित किया गया है।