उदयपुर। कांग्रेस में कहाँ तो कुछ दिन पहले अल्पसंखयक नेताओं द्वारा कांग्रेस में विरोध दर्ज करवाया था और हंगामा किया था कि कांग्रेस में मुस्लिम नेताओं को तवज्जो नहीं दी जा रही और अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सैकड़ों कार्यकर्ता के बिच मेवाड़ के मुस्लिम कांग्रेसी नेता पूर्व राज्य मंत्री असरार अहमद खान को सबके बिच हाथ पकड़ कर अपनी कार तक ले आये और कार बैठा कर एयरपोर्ट से सुखाड़िया निवास तक साथ में गए। इस बिच मेवाड़ की राजनीति और मुद्दों पर चर्चा की गयी।
पूर्व मुख्य मंत्री अशोक गहलोत रविवार को स्व. दिलीप सुखाड़िया की अंतिम यात्रा में शरीक होने के लिए उदयपुर पहुंचे जहाँ पर उनके स्वागत में उदयपुर के कई नेता और कार्यकर्ता पहुंचे थे। अशोक गहलोत जैसे ही एयरपॉर्ट से बाहर निकले उन्होंने असरार अहमद खान का मुस्कराकर अभिवादन स्वीकार किया, उनका हाथ पकड़ कर कार तक ले आये और साथ चलने के लिए कार में बैठा दिया। रास्ते भर गहलोत ने असरार अहमद से मेवाड़ की मौजूदा राजनीति और अल्पसंख्यक मुद्दों पर चर्चा की। गहलोत का असरार अहमद को इस तरह आत्मीयता से साथ में लेकर जाना शहर के राजनितिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बात की चर्चा कांग्रेसियों में इसलिए भी जोरों पर है, क्यों की अभी हाल ही में उदयपुर शहर के मुस्लिम कांग्रेसी नेताओं ने विज्ञान समिति में कांग्रेस की बैठक के दौरान हंगामा किया था कि मेवाड़ से ना तो किसी मुस्लिम को कार्यकारणी में जगह दी गयी ना ही मंच पर। बाद में सभी समझाइश भी की गयी थी और अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सबके बिच असरार अहमद को कार में लेकर आना कई नए राजनीति समीकरण की तरफ इशारा करता है। हालाँकि असरार अहमद खान पूर्व मुख्य मंत्री अशोक गहलोत के काफी करीबी माने जाते है वे पूर्व में गहलोत सरकार के समय राजयमंत्री रह चुके है। केंद्र सरकार द्वारा अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज़ की कमिटी के ९ सदस्यों में से एक वे भी चुन कर भेजे गए थे और पांच साल के इस कार्य काल में वे तीन बार दरगाह कमिटी के अध्यक्ष रहे यह पहले ऐसे सदस्य है जो तीन बार अध्यक्ष के पद पर बने रहे। असरार अहमद खान को मेवाड़ में मुस्लिम समुदाय का सबसे कद्दावर नेता माना जाते है।
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