उदयपुर पोस्ट। अब तक आपने सुना होगा कि साम्प्रदायिका को हवा देने के पीछे समाज कंटकों की भूमिका रहती है। लेकिन “उदयपुर पोस्ट” एक ऐसा खुलासा कर रहा है कि आप भी दंग रह जाएंगे। गत २८ मार्च को शहर में तैनात एक आरपीस महिला पुलिस अधिकारी ने ऐसा करने की धमकी दे डाली। मामला था एक मृत पशु के निस्तारण का लेकिन निस्तारण हो रहा था इन आरपीएस के एक निजी भूखण्ड से ५०० मीटर की दूरी पर जो शायद इन्हें नागवार गुजरा।
आइये अब हम ले जाते है आपको घटनाक्रम की ओर २८ मार्च को लोयरा निवासी श्रीमती तुलसी सुथार पत्नी ओमप्रकाश सुथार ने सरकारी वरिष्ठ पशु चिकित्सक दत्तात्रेय चौधरी से सम्पर्क कर निवेदन किया कि उनकी भामाशाह बीमा योजनान्तर्गत बीमित गाय की मृत्यु हो गई है अत: उसका मौके पर आकर पोस्टमार्टम कर प्रमाण पत्र दिला दे। इस निवेदन पर सरकारी सेवा के तहत डॉ. चौधरी घटनास्थल पर गए और मृत पशु का पोस्टमार्टम कर उसके शव का निस्तारण हेतु पशुपालक को आवश्यक निर्देश देकर पशु चिकित्सालय लौट आए।
इस दौरान पशु पालक ने मृत गाय का निस्तारण हेतु जेसीबी मंगवा ली तथा गड्डा खोदकर उसमें शव को दप*नाने की तैयारी थी। इसी दरम्यान पुलिस उपाधीक्षक दिव्या मित्तल जिनका कि घटनास्थल से ५०० मीटर की दूरी पर एक फ़ार्म हाउस निर्माणाधीन है वहां पहुंची तथा शव निस्तारण से पशु पालक को रोक दिया तथा अपने लवाजमे के साथ पशु चिकित्सालय पहुंची तथा वरिष्ठ सरकारी पशु चिकित्सक दत्तात्रेय चौधरी को मोके पर पोस्टमार्टम करने पर धमकाया गया तथा उन्हें एक अपराधी की तरह पुलिस की जीप में बिठाकर घटनास्थल पर लाया गया तथा पोस्टमार्टम को गंभीर अपराध बताते हुए उन्हें धमकी दी गई कि उपनाम के अनुसार तुम मुस्लिम प्रतीत होते है अत: तुम्हारे विरूद्घ तो गाय काटने के जुर्म में सांप्रदायिक मामला दर्ज होगा। अन्यथा इस शव का तुम अन्यत्र निस्तारण करो।
चिकित्सक ने जब बताया कि ऐसे पोस्टमार्टम हमेशा पशुपालक के स्थान पर ही किए जाते है तो पुलिस उप अधीक्षक दिव्या मित्तल ने वर्दी का रौब दिखाते हुए उनके साथ अभद्रता की तथा उनसे पोस्टमार्टम की हुई गाय का शव उठवा कर पशु चिकित्सक की निजी कार में जबरन रखवाया गया,….. जब गाय को कार में रखवाया । पशु चिकित्सक चौधरी एवं उनके दो प्रशिक्षु सहायकों ने बडी मुश्किल से क्षत विक्षप्त गाय का शव अपनी कार में रखा। मृत गाय की खाल पशुपालक पोस्टमार्टम के बाद ही किसी से निकलवा चुका था। स्कीन लेस गाय के शव को कार में लदवाया तो उसके पैर खिडकी से बाहर आ रहे थे। कोई हंगामा न हो इस पर चिकित्सक ने अपनी शर्ट खोल कर मृत गाय के शव के पैर बांधे। डॉ. चौधरी के कपडे मृत गाय के रक्त से रंजित हो गए। तब पुलिस उप अधीक्षक ने उन प्रशिक्षकों को अपने स्तर पर गाय का शव निस्तारण करने का निर्देश देते हुए डॉ. चौधरी को पुलिस की गाडी में मुल्जिम की भांति थाने ले जाने की धमकी देते हुए बिठाया गया तथाा फतहपुरा चौराहा के समीप उन्हें जीप से उतार दिया। इस बीच पूरे मार्ग में उन्हें मानसिक प्रताडना दी गई।
इस दौरान इधर दोनों प्रशिक्षु पशु चिकित्सक गाय का शव लेकर रवाना हुए। वे दोनों ही केरल से यहां आकर प्रशिक्षण ले रहे है और ईसाई समुदाय से थे। भय यह था कि यदि कोई मृत गाय का शव उनकी कार में ले जाते हुए देख लेता तो हम उसकी कल्पना कर ही थर्रा जाते है कि आगे क्या होता। लेकिन वे दोनों युवा चिकित्सक शव के साथ पशु चिकित्सालय पहुंचे और नियमानुसार सूचना देकर शव का निस्तारण कराया। इस बीच डॉ. चौधरी बदहवास हालत में किसी से लीफ लेकर संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग के दफ्तर पहुचे और महिला पुलिस अधिकारी दिव्या मित्तल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई ।
https://www.youtube.com/watch?v=EIl2d2fYIT0&feature=youtu.be