उदयपुर। दो दिन पहले राजस्थान के उदयपुर शहर में बेटी के सामने बाप का क़त्ल करने वाले आखिर पुलिस की गिरफ्त में आ ही गए। शहर के ३०० से अधिक पुलिस कर्मी जिसमे एडिशनल एसपी से लेकर कांस्टेबल तक पुलिस कर्मी शामिल थे ने जी तोड़ छान बिन कर 48 घंटों में लूट की नियत से की गयी ह्त्या का खुलासा कर लिया व् ह्त्या में शामिल पाँचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। यह ह्त्या उदयपुर शहर की कानून व्यवस्था के नाम पर एक खुला तमाचा था। लेकिन पुलिस ने तत्परता से इस गुत्थी को सुलझा कर कुछ हद तक बदनामी का दाग धोने की कोशिश की है।
पुलिस के बताये अनुसार दो दिन पहले उदयपुर के आबकारी विभाग में काम करने वाले यशवंत शर्मा को रात को लिफ्ट देने के बहाने सुनसान जगह पर ले जा कर ह्त्या करदी थी। यशवंत शर्मा अपनी बेटी के इलाज के लिए अहमदाबाद गए हुए थे और इलाज करवा कर रात एक बजे अपनी बेटी और दोहिते के साथ उदयपुर आये थे। उसी वक़्त पांच लुटेरों ने उन्हें मरूरी वे में उनके निवास हिरणमगरी में छोड़ने का कह कर बैठा लिया था। बाद में रास्ते में सुनसान जगह पर ले जाकर लूट की नियत से उनकी ह्त्या करडाली।
पुलिस ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही अलसुबह जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल सहित जिले के आलाअफसर और शहरभर के थानों के थानाधिकारी मौके पर पंहुच गए। पुलिस कप्तान ने करीब 300 पुलिसकर्मियों को इस हत्या की गुत्थी सुलझाने के निर्देश दे दिए। सभी ने मिलकर पार्किंग स्थलों सहित संदिग्ध स्थानों पर गाड़ी की तलाश शुरू कर दी। तभी भूपालपुरा के कांस्टेबल भंवरलाल और एसटीएफ के प्रहलाद पाटीदार को जरिए मुखबिर के सूचना मिली कि एक संदिग्ध व्यक्ति गोवर्धन विलास की ओर घुम रहा है। बाद में पता चला कि घटना के दिन से ही जगदीश ओढ़ उर्फ दरबार अपने साथियों के साथ गायब है। इस पर भूपालपुरा थानाधिकारी हरेंद्र सौदा और सूरजपोल थानाधिकारी आदर्श परिहार मय जाब्ता कानोड़ पंहुचे और कानोड़ पुलिस की मदद से जगदीश ओढ़ उर्फ दरबार और रामा उर्फ रमेश रावत को पकड़ ही लिया। दोनों ने अपना अपराध कबूल कर लिया साथ ही इस वारदात में दीपक ओढ़ सहित एक बाल अपचारी का भी शामिल होना बताया। आरोपियो ने पूछताछ में बताया कि वारदात में शामिल गाड़ी डूंगला के राजमल उर्फ राजू लोहार की थी।
जो भी मिले उसे लूट लेना —
वैसे तो इस वारदात में शामिल सारे ही आरोपी नोसीखिए थे, लेकिन मुख्य षड़यंत्रकर्ता को पकड़ने में भी पुलिस कामयाब रही है। कानोड़ निवासी गणेश मीणा ने इन आरोपियों को लूट के लिए तैयार किया था और सभी को उदयपुर भेजने से पहले निर्देशित किया था जो भी पहले मिले उसे लूट लेना। पुलिस ने गणेश लाल मीणा को भी गिरफ्तार करके उसका पिछला रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है।
इस टीम को मिली सफलता —
उदयपुर में लूट के बाद हत्या की सनसनीखेज वारदात का खुलासा करने वाली टीम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी, हर्ष रत्नू, बृजेश सोनी, उप पुलिस अधीक्षक भगवत सिंह हिंगड़, भंवर सिंह हाड़ा, सीआई आदर्श परिहार, हरेन्द्र सौदा, गोवर्धन सिंह भाटी, हनुवंत सिंह, जितेन्द्र आंचलिया, भवानी सिंह, छगन पुरोहित, संजीव स्वामी, रविंद्र सिंह चारण, हेड कांस्टेबल सुखदेव सिंह, तेज सिंह, शरीफ खान, विक्रम सिंह, कांस्टेबल भंवर लाल, प्रहलाद पाटीदार, योगेश, गणेशसिंह, सलीम, अखिलेश, यशपाल, सुभाष, भारत सिंह, शक्तिसिंह, उमेश, ओमप्रकाश, विष्णुशर्मा, प्रभ्यजोत सिंह, देवेंद्र उपेंद्र शामिल थे।