उदयपुर। आदतन अपराधियों की गैंग वॉर में दो आम शहरी गंभीर घायल हो गए। मोके पर सैकड़ों लोग मौजूद लेकिन चार गुंडों को दहशतगर्दी मचाने दी। अब कहा जारहा है की लोगों में आक्रोश है। मंगलवार की रात को शहर के कुजड़वादी क्षेत्र में हार्ड कौर अपराधी इमरान कुंजड़ा और इकबाल वाइपर के बिच चली आरही दुश्मनी के चलते इमरान कुंजड़ा अपने गुर्गों के साथ एक सामजिक कार्यक्रम में घुस गया और इकबाल वाइपर को कार्यक्रम, में होने के अंदेशे पर दहशत मचाने लगा जब उसको रोका तो उसने अंधाधुंध फायर कर दिए जिससे कार्यक्रम में मौजूद दो आम लोग घायल हो गए और अपर्ताधि मोके से भाग निकले। घटना के वक़्त ना लोगों ने आक्रोश में आते हुए उन्हें रोका ना ही पुलिस मोके पर पहुंची अब घटना घाट जाने के बाद पुलिस जांच कर रही है और लोग आक्रोश बता रहे है।
पूरी घटना की जानकारी के अनुसार धानमंडी थाना क्षेत्र के मोहल्ला मेवाफरोशान में शाम को सामाजिक कार्यक्रम चल रहा था। इसमें इमरान की विरोधी गैंग का मुखिया वाइपर भी आया था। भनक लगते ही इमरान अपने गुर्गे कांकरोली के सद्दाम, सूरजपोल थाने के हिस्ट्रीशीटर मुजफ्फर उर्फ गोगा, मोहम्मद हुसैन और आदिल हुसैन को लेकर आ पहुंचा। हालात भांपकर वाइपर भीड़ में दुबक गया। इससे पहले उसे टारगेट कर गोगा ने एक के बाद एक पांच फायर कर दिए। वाइपर बच गया, लेकिन कार्यक्रम में शरीक होने आए कुंजरवाड़ी निवासी सब्जी व्यापारी मोहम्मद सईद पुत्र मंजूर अहमद और चौखला बाजार निवासी टेम्पो चालक मोहम्मद महमूद पुत्र मोहम्मद शब्बीर जख्मी हो गए। पुलिस बदमाशों को पकड़ने के लिए देर रात तक नाकेबंदी करती रही लेकिन सफलता नहीं मिली।
अफरा-तफरी मच गई और लोग बाहर आने लगे। तब तक तीन हमलावर बाइक पर भाग निकले, जबकि दो बदमाश मंडी की नाल के पास खड़े नंदलाल खत्री की बाइक छीनकर फरार हाे गए। इधर लोगों ने घायलों को टेम्पो से एमबी हॉस्पिटल पहुंचा, जहां देर रात इनके ऑपरेशन हुए। सूत्रों का कहना है कि वाइपर को तलाश रहे इमरान और उसके साथियों ने अंजुमन चौक में भी फायर किया था। धानमंडी सीआई कैलाश बोरीवाल ने बताया कि पुलिस ने हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन कोई हाथ नहीं आया।
शहर में कुख्यात गैंग सक्रिय, पुलिस को खबर नहीं
इमरान कुंजड़ा और उसकी गैंग की ओर से मंगलवार शाम की गई फायरिंग ने पुलिस के खुफिया तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इमरान कुंजड़ा और इकबाल वाइपर के बीच चल रही गैंगवार के बावजूद पुलिस ये अनुमान तक नहीं लगा पाई कि जिस सामाजिक कार्यक्रम में वाइपर की मौजूदगी होगी, उसमें इमरान बदला लेने आ सकता है। माना जा रहा है कि इमरान की ओर से किए गए हमले की पुलिस के खुफिया तंत्र को कोई भनक तक नहीं लग पाई। जबकि लगातार सक्रिय इमरान ने डेढ़ महीने पहले भी गांधीनगर में दहशत फैलाने के लिए हवाई फायरिंग की थी। शहरवासियों ने शहर के बीचोबीच गैंगवार को लेकर पुलिस कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए है।
गुंडे आराम से आते है सामाजिक कार्यक्रम में फायरिंग कर जाते है लोग डर से दुबक जाते है, बाद में लोगों का आक्रोश भी आता है और पुलिस भी आती है।
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