उदयपुर। सुखाड़िया सर्कल स्थित जिस खाऊ गली का उदघाटन नगर निगम महापौर ने किया था उसी खाऊ गली को नगर निगम ने अवैध मानते हुए सीज कर दी। आगामी तीन माह तक सीज रखने ओर किसी के द्धारा इसका उल्लघन करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
सुखाडिया सर्कल के पास 26 कियोस्क वाली खाओ गली जहाँ पर हर तरह का फास्ट फ़ूड मिलता था अब वहां नहीं मिलेगा क्यों कि नगर निगम ने शनिवार को उस खाओ गली को सीज़। सीज़ करने कि यह आवासीय क्षेत्र में बानी हुई थी और आवासीय क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधि नहीं होनी चाहिए। अलग है कि शहर के करीब करीब सभी आवासीय क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधि सालों साल से संचालित है।
लेकिन शायद ऊपरी स्तर पर कुछ अनबन हुई दिखती है जो खाऊ गली पर निगम का टाला लग गया।
चलिए इसकी ख़ास बात बताते है। वह है कि करीब आठ माह पहले इस खाओ गली उदघाटन का फीता अपने दबंग मेयर साहब श्री चंद्र सिंह ही किया था। अब आठ महीनों बाद जाने क्यूँ खाऊ गली निगम की आखों में खटक गयी। महापौर चुप्पी साधे है , कोर्ट ने भी खाऊ गली को सीज करने का आदेश दे दिया था और निगम आज उस पर सीज कर तीन माह का नोटिस चस्पा कर दिया कि तीन माह के अन्दर अगर कुछ भी किया तो कारवाई की जायेगी। करीब 150 लोग भी बेरोजगार हो गए , अब इससे अपने महापौर को क्या रोज़गार दे नहीं सकते ले तो सकते है। अगर ले सकते है तो भाई जब किसी का निर्माण हो रहा हो तभी नोटिस भेज सकते है। निर्माण होने के बाद शुरू होने के पहले भी तो नोटिस भेजा जा सकता था नगर निगम के इतने कर्मचारियों की फोज क्या सिर्फ दिखाने के लिए है और तब भी नहीं जब फीता काटने के लिए गए थे तो सरकार कोमन सेन्स रख कर पुच लेते कि भार स्वीक्रति है या नहीं , खैर जो होना था वह हो गया और अब जो जैसे होना है वेसे होगा भी , खेर खाऊ गली के मालिक को महापौर और नगर निगम से मामला सेट करने में इतना वक़्त तो लग ही जाएगा। सेट करने का मतलब हमारा गलत नहीं है। मतलब आवासीय को गैर आवासीय बनाने के नियम कायदे समझने में। चलिए खेर बस अब आप जब वीक एंड और सन्डे के दिन घर से निकले तो बच्चों को समझा दे की खाऊ गली बंद है।
उदयपुर की खाऊ गली सीज – महापौर जी ने काटा था फीता।
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