एलिवेटेड रोड कही हादसों का रोड ना बन जाए

Date:

Highway

उदयपुर। कोर्ट चौराहे से उदियापोल तक बनने वाले एलिवेटेड रोड के लिए राज्य सरकार ने १३६ करोड़ का बजट पास कर दिया है। लेकिन अभी भी ना तो जन प्रतिनिधियों के पास ना ही जिम्मेदार अधिकारियों के पास जवाब है कि यह बनेगा कैसे ? २००८ में ही एलिवेटेड रोड रोड बनाने वाली कंपनी ने अपने सर्वे में बता दिया था कि तकनिकी रूप से एलिवेटेड रोड बनाना उचित नहीं है। हादसों को न्योता देते तीन जगह ९० डिग्री के कर्व है जिनको जिम्मेदार शहर विधायक और गृह मंत्री अब ६० डिग्री का करने की बात कह रहे है। कैसे होगा इसका कोई जवाब नहीं है। तकनिकी विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह का एलिवेटेड रोड और उस पर ९० डिग्री कर्व को ६० डिग्री करना एक तरह से जुमला ही है। हादसे के लिए ६० डिग्री भी काफी होता है जिसका उदाहरण नाथद्वारा का एलिवेटेड रॉड है।
शहर की समस्या ट्राफिक है। यूआईटी के पूर्व टाउन प्लानर बीएस कानावत का कहना है कि शहर के बिच एलिवेटेड रोड का विचार ही गलत है। जनप्रतिनिधियों द्वारा एलिवेटेड रोड बनाने की बात करना बच्चों की जिद्द के सामान है। चाहे चाहे ९० डिग्री हो या ६० डिग्री रोज हादसे होंगे जिसको रोक पाना किसी के बस में नहीं होगा। कानावत का कहना है कि बजाय एलिवेटेड रोड को बनाने के रोड नेटवर्क क्यों नहीं खोल देते। मेवाड़ मोटर्स, एग्रीकल्चर कुम्हारों का भट्टा आदि कई जगह ऐसी है जहाँ से लिंक रोड निकाल कर ट्राफिक कंट्रोल किया जा सकता है। यही नहीं टाउन हॉल, बापूबाजार, देहली गेट हैसे रोड पर अभी काफी गुंजाइश है, कि रॉड को थोड़ा चौड़ा कर सडकों पर होने वाली पार्किंग को व्यवस्थित कर ट्राफिक को सुगम किया जा सकता है।
२००८ में जागृति कल्संतेंत कंपनी ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में साफ़ कर दिया था कि जहां एलिवेटेड रोड बनाया जाना प्रस्तावित है वहां मोड अधिक होने से नहीं बन सकता इसके बावजूद यु आई टी ने पंच लाख रुपये खर्च कर एल एंड टी कंपनी को टेंडर दिया उसने भी अपनी सर्वे रिपोर्ट में एलिवेटेड रोड इस मार्ग पर नहीं बनाने की रिपोर्ट दी थी। अब सरकार १३२ रुपये खर्च कर हादसों का रोड बनाने पर अड़ी हुई है।
६० डिग्री पर भी नहीं टलेंगे हादसे :
गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि कुछ बुद्धि जीवी और व्यापारी एलिवेटेड रॉड का विरोध कर रहे है। कटारिया के अनुसार ९० डिग्री के कर्व जको ६० डिग्री के कर्व में बदलेगें। लेकिन कैसे करेंगे इसका गृह सेवक के पास जवाब नहीं यही। ६० डिग्री का करने के लिए देहलीगेट पर वक़्फ़ की जमीन और आगे के लिए होटलों और कुछ कंपनियों की इमारत। सूरज पोल पर होटलों को अधिग्रहण करना पडेगा जो प्रक्रिया लम्बी भी जा सकती है। इसके बाद भी यदि ६० डिग्री बनाने में कामयाब हो जाते है तब भी हादसे नहीं रुकेंगें। नाथद्वारा का एलिवेटेड रॉड ६० डिग्री से भी काम है इसके बावजूद वहां हादसों का डर बना हुआ है।
रॉड नेटवर्क बढ़ाने के बारे में कोई विचार ही नहीं :
विशेषज्ञों का मानना है की जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को चाहिए कि एलिवेटेड रोड पर मशक्कत करने के बजाय शहर के रोड नेटवर्क को जोड़ा जाए। इसमें शहर के बिच में स्थित एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को सरकार अन्य जगह शिफ्ट कर देती है तो आने वाले ३५ सालों तक ट्राफिक की समस्या समाप्त हो सकती है। यही नहीं लिंक रोड बनाने के लिए १३६ करोड़ में से ३६ करोड़ रोड नेटवर्क के बिच आने वाली बिल्डिंगों और जमिोनों को मुआवजा भी देदिया जाए तब भी ट्राफिक समस्या समाप्त हो सकती है। विशेषज्ञों की राय में सरकार को लिंक रोड बना कर शहर के अंदर का रोड नेटवर्क बढ़ना चाहिए।

इनका कहना

कुछ बुद्धि जीवी लोग को परेशानी है। कुछ लोगों को फांसा लगाना है किसी भी तरह, पहले भी कुछ लोगों ने और व्यापारियों ने विरोध किया था । लेकिन हमने तकनिकी विशेषज्ञों से बात की है ९० डिग्री के कर्व को ६० डिग्री के कर्व पर लाकर बनाएंगे। गुलाबचंद कटारिया , गृह मंत्री राजस्थान सरकार
मेरे हिसाब से एलिवेटेड रोड का विचार ही गलत है। एलिवेटेड रोड हादसों का रोड बन जाएगा। सरकार को अन्य विकल्पों की तरफ ध्यान देना चाहिए। अभी अन्य कई विकल्प मौजूद है जिसमे शहर के अंदर का रोड नवर्क लिंक रॉड बना कर जोड़ने और रास्तों को चौड़ा करने से ट्राफिक समस्या आने वाले कई सालों के लिए तक जायेगी। बालू सिंह कानावत, पूर्व टाउन प्लानर यूआईटी

एलिवेटेड रोड के लिए अगर मेरी होटल पारस काम आती है तो जनता के लिए में सहर्ष इसके लिए तैयार हु मुझे कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन कही ऐसा ना हो कि एलिवेटेड रोड शहर की जनता के लिए मुसीबत बन जाए और हमेशा के लिए नासूर बन कर तकलीफ देता रहे। पारस सिंघवी, अध्यक्ष चेंबर ऑफ़ कॉमर्स, निर्माण समिति नगर निगम

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

हिन्दुस्तान जिंक के स्वास्थ्य अभियान के तहत विश्व स्तनपान सप्ताह आयोजित

हिंदुस्तान जिंक, द्वारा स्वास्थ्य अभियान के तहत् विश्व स्तनपान...

हिंदुस्तान जिंक द्वारा खनन कार्यों में आंतरिक प्रतिभा के कौशल एवं अवसर वृद्धि हेतु जावर में ‘हिंदुस्तान जिंक माइनिंग अकादमी’ का शुभारंभ

इस अनूठी पहल से भूमिगत खदानों में जंबो हेल्पर्स प्रमाणित ऑपरेटर बन सकेंगे - पांच महीने तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 16 सप्ताह का क्लासरूम इंस्ट्रक्शन शामिल होगा उदयपुर, 30 जुलाई, 2022: देश की एकमात्र और विश्व...

हिन्दुस्तान जिंक की आरडी माइन को स्वास्थ्य एवं सुरक्षा हेतु सिल्वर अवार्ड

हिन्दुस्तान जिंक के दरीबा स्मेल्टिंग काॅम्प्लेक्स के राजपुरा दरीबा...