एसपी साहब का फरमान – शहर में १० बजे बाद बच्चा भी नज़र नहीं आना चाहिए

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उदयपुर। पिछले तीन दिनों से शहर में चल रही पुलिसिया कार्रवाई से आमजन में भय व्याप्त हो गया है। एसपी साहब का आदेश है कि रात दस बजे बाद शहर की सड़कों पर एक बच्चा भी नजर नहीं आना चाहिए। इस आदेश की पालना में शहर के दो डिप्टी भारी-भरकम लवाजमे के साथ फतहसागर के मुंबइयां मार्केट सहित पूरे शहर को बंद करा रहे हैं। हालांकि एसपी साहब से इस संबंध में जब पूछा गया, तो उनका कहना है कि यह कार्रवाई सिर्फ शराबियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन ड्रंक एंड ड्राइव को लेकर की जा रही है, लेकिन इस ऑपरेशन से क्रअपराधियों में भय और आमजन में विश्वासञ्ज जैसा ध्येय वाक्य अब उल्टा हो रहा है।
एफएस से भगाया शहरवासियों को:
मंगलवार को राखी का त्योहार मनाने के बाद शहरवासी जब रात को फतहसागर पर पहुंचे, तो पुलिस बल ने खेदेड़ दिया। 10. 35 बजे डिप्टी अनंत कुमार, हाथीपोल थानाधिकारी नरपतसिंह की गाड़ी और पीछे करीब दो दर्जन जवानों से भरी ट्रक आकर फतह सागर पर रूकी। जाब्ते ने मुंबइया मार्केट की सारी दुकानों बंद करा दिया। इसके साथ ही पाल पर बैठे सभी परिवार वालों को एन्जॉय टाइमिंग खत्म होने का आदेश सुनाते हुए वहां से भगा दिया।
कुछ लोगों के पूछने पर कहा गया कि एसपी साहब के आदेश है। रात 11 बजे शहर में कोई बच्चा भी सड़क पर नजर नहीं आना चाहिए। यहीं हाल सुखाडिय़ा सर्कल पर भी हुआ, वहां से भी शहरवासियों को भगाते हुए दुकानें बंद करा दी गई।
चौराहों की दुकानें भी बंद:
ये हाल सिर्फ फतहसागर का ही नहीं, बल्कि पूरे शहर का है। 10 बजते ही पूरी पुलिस फोर्स शहर की सड़कों और चौराहों पर उतर आती है। दुकानें-टेम्पो और वाहनों पर सख्ती बरतते हुए उन्हें भगा दिया जाता है। दुकाने बंद करा दी जाती है। पिछले दिनों शुरू हुई इस रात्रि गश्त में कोई अपराधी पकड़ में आया हो या न आया हो, लेकिन पुलिस का खौफ जरूर पैदा हो गया है।
परेशान आमजन:
एसपी मुकेश कुमार गोयल ने पांच अगस्त को पदभार ग्रहण करते ही पत्रकारों को कहा था कि प्रभावी पुलिस प्रणाली के अनुसार कार्य किया जाएगा। इसका [quote_right]:मैंने शराबियों पर कार्रवाई के आदेश दे रखे हैं। शराब की दुकानें रात आठ बजे बंद कराने की हिदायत दे रखी है। अगर शहरवासी परेशान हो रहे है, तो इसकी जांच करवाता हूं। -महेश कुमार गोयल, एसपी[/quote_right]असर महज 15 दिनों में ही दिखने लगेगा और उनकी ये बात सच भी साबित हुई, लेकिन प्रभाव अपराधियों पर नहीं बल्कि शहरवासियों पर दिखाई पड़ रहा है। झीलों की नगरी टुरिस्ट सिटी है फिर भी 10 बजे बाद कोई दुकान या होटल खुली नहीं मिलती और इन दिनों तो रात को ऑटो और रिक्शा वाले भी नहीं मिलते है। दो दिन पूर्व उदियापोल पर पुलिस फ़ोर्स ने बेकसूर टेम्पो चालकों के साथ मारपीट की और सुखाडिय़ा सर्कल का बाज़ार 10 बजते ही बंद करवा दिया।
:मैंने शराबियों पर कार्रवाई के आदेश दे रखे हैं। शराब की दुकानें रात आठ बजे बंद कराने की हिदायत दे रखी है। अगर शहरवासी परेशान हो रहे है, तो इसकी जांच करवाता हूं।
-महेश कुमार गोयल, एसपी

4 COMMENTS

  1. aisa hona chahiye……….. 10-11 baje tak to time dena chahiye…. uske baad waling/talking with group at road and city center should be prohibited . mostly chor aur gunde raat ko hi reky kiya karte h….aur fir kaam ko anjaam dete h….. police kuch karti h to tension ……….nahi kare to tension……… apradh ko khatm karne ka ye achha solution he….. very good

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