उदयपुर शहर का जन प्रतिनिधि कोई युवा नहीं होना चाहिए ? – स्मार्ट सिटी को है स्मार्ट युवा जनप्रतिनिधि की दरकार . 

Date:

उदयपुर। चाहे भाजपा हो या कांग्रेस दोनों बड़ी राजनातिक पार्टियां अपने युवा कार्यकर्ताओं के जोश के साथ आगे बढ़ रही है। इन्ही कार्यकर्ताओं की वजह से हर चुनाव को पुरे दम ख़म के साथ लडती है तो फिर एसी क्या वजह है कि जब विधानसभा टिकिट की दावेदारी की बात आती है  तो यही पार्टियाँ युवाओं को दर किनार कर वही पुराने 70 प्लस के नेताओं को टिकिट दे देती है।
उदयपुर शहर स्मार्ट सिटी में शुमार है यह बात अलग है कि अभी तक इसकी स्मार्टनेस कही दिखाई नहीं देती , लेकिन क्या इस स्मार्ट सिटी का विधायक स्मार्ट और तेज़ तर्रार युवा नहीं होना चाहिएम ?
70 प्लस के मोजुदा नेताओं के मार्गदर्शन के चलते क्या एक युवा शहर के विकास के लिए दोगुनी शक्ति से काम नहीं कर पायेगा ?
कांग्रेस और भाजपा के आलाकमान टिकिट बंटवारे के लिए अपने अपने जुगाड़ लगा रहे है जहाँ कांग्रेस के आला पदाधिकारी कॉल पर फीडबैक ले रहे है तो , भाजपा के आला कमान रणकपुर में वोट करवा कर उम्मीदवारों का रुझान जान रहे है।

उदयपुर शहर विधानसभा भाजपा का  कौन हो सकता है युवा दावेदार ?

अगर हम उदयपुर शहर भाजपा की बात करें तो लगभग सभी का मानना है कि गुलाबचंद कटारिया के आगे कुछ सोचा नहीं जा सकता क्यों कि चाहे कोई कितनी भी जुगत लगा ले कटारिया अगर चुनाव लड़ना चाहेगें तो टिकिट उन्ही को मिलेगा, कोई और उम्मीदवार नहीं हो सकता।  ऐसे में उदयपुर शहर से किसी युवा चेहरे की तो उम्मीद ही नहीं की जा सकती कटारिया के बाद अगर सेकण्ड लाइन के भाजपा नेता के बारे में देखें तो लाइन लम्बी है. हालाँकि कई भाजपा के नेता कहते है कि कटारिया ने सेकण्ड लाइन को शहर में कभी पूरी तरह ऊपर नहीं आने दिया और समय समय पर उनके हाथ के निचे सेकण्ड लाइन के नेताओं की सूचि बदलती रहती है.
पेनल में अगर नाम की चर्चा है तो उनमे देहात जिलाध्यक्ष गुणवंत सिंह झाला, शहर जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, युआईटी चेयरमैन रविन्द्र श्रीमाली, नगर निगम महापौर चन्द्र सिंह कोठारी और नगर निगम निर्माण समिति के अध्यक्ष पारस सिंघवी के नाम आते है इनमे अगर किसी युवा चेहरे की तरफ देखें तो एक मात्र पारस सिंघवी और चन्द्र सिंह कौठारी का नाम आता है लेकिन क्या गुलाबचंद कटारिया और भाजपा के आला कमान पारस सिंघवी के नाम पर मुहर लगा सकते है.

कांग्रेस में कौन हो सकता है युवा उम्मीदवार :

भाजपा की तरह ही कुछ हाल शहर कांग्रेस का भी है जहाँ उम्मीदवारों की लाइन लम्बी है जिसमे दिनेश श्रीमाली, सुरेश श्रीमाली, गिरजा व्यास, गोपाल शर्मा, लाल सिंह झाला अपनी उम्मीदवारी की ताल ठोक रहे है। इनमें अगर युवा उम्मीदवार की बात करें तो दिनेश श्रीमाली एक ऐसा चेहरा है जिसकी शहर में एक अलग पहचान है । पिछले विधानसभा चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद गुलाबचंद कटारिया जैसे दिग्गज नेता के सामने दिनेश श्रीमाली ने खासी टक्कर दी थी। अगर इस बार कांग्रेस दिनेश श्रीमाली को टिकिट देती है उदयपुर शहर की सीट कांग्रेस के खाते में जाने के चांस काफी बढ़ सकते है। हालांकि गिरजा व्यास जैसी वरिष्ठ नेता अगर शहर से टिकिट की मांग करती है तो दिनेश श्रीमाली सहित बाकी उम्मीदवारों की थोड़ी मुश्किलें बढ़ सकती है । वैसे शहर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का तो यह भी कहना है कि अगर युवा चेहरा अगर नही आता है तो शहर में खुद कांग्रेसी ही पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते है ।।
इनके अलावा भी भाजपा और कांग्रेस से कुछ उम्मीदवार ऐसे भी है जो सोशल मिडिया के जरिये अपना प्रचार कर रहे है , यह तो अब वक़्त ही बताएगा कि किसको टिकिट मिलता है और कोण किसपर भारी पड़ता है लेकिन एक बात तो तय है कि उदयपुर शहर जैसी विधान सभा को एक युवा जन प्रतिनिधि की जरूरत है जो शहर के मिजाज को अच्छी तरह समझ विकास के कुछ नए आयाम स्थापित कर सके .

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Kasyno Granial Madryt w Internecie Bonos, Review i Rady

Na koniec należy oznaczyć, że gry są opracowywane z...

Top Salle de jeu quelque peu 2025 : Bouquin nos Plus grands Condition de jeu

Votre législation a vu au moment continûment en compagnie...

Психология азарта: почему мы любим казино автоматы

Психология азарта: почему мы любим казино автоматыАзартные игры, особенно...

Рабочее зеркало Мелбет нате сейчас вход, скачать

В данном материале речь идет что касается нелегальной в...