तीन दिवसीय डेन्टल कांफ्रेस सम्पन्न
दंत चिकित्सा हेतु आमजन को शिक्षित करने का आव्हान
उदयपुर, दंत चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम तकनीक से दर्द रहित उपचार को आम जन में आसानी से सुलभ कराने, दंत चिकित्सा हेतु शिक्षित करने व ग्रामीण क्षेत्रो में स्वस्थ दंत बनाने का संदेश देने के संकल्प के साथ इण्डियन डेन्टल एसोसिएशन की उदयपुर शाखा के आतिथ्य में ३ दिवसीय राजस्थान स्टेट डेन्टल कांफ्रेस रविवार को पेसिफिक यूनिवरसिटी के सभागार में सम्पन्न हुयी। अन्तिम दिन ५ दंत विशेषज्ञो ने अपने महत्व पूर्ण व्याख्यान दिये। जबकि डेन्टल विद्यार्थियों द्वारा निर्मित ६० पोस्टरो की प्रदर्शनी लगाई गई। जिसे ८०० प्रतिभागियो ने देखा और सराहा। इसके अलावा विद्यार्थियों द्वारा ७० पत्रवाचन भी प्रस्तुत किये गये। समापन समारोह में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने श्रेष्ठ २० पत्र व पोस्टर के विजेता को प्रशंसी पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेट कर सम्मानित किया। ये जानकारी देते हुए आयोजन सचिव डॉ. निखिल वर्मा ने बताया कि शोध पत्रो की दृष्टि से भी कांफ्रेस सफल रही। जिसमें डेन्टल विद्यार्थियो ने दंत चिकित्सा सांइटिफिक पहलुओ से लेकर ज्योतिष विद्या का भी उल्लेख किया। जिसमें व्यक्ति हस्तरेखा देखकर उसकी दांतो की तकलीफ पता लगाने के भी पत्रवाचन हुए। इसके अलावा दंत चिकित्सा में आयुर्वेदिक औषधियों की उपयोगिता और महत्व पर भी चर्चा हुई।
आयोजन सह सचिव डॉ. बालाजी मनोहर और डॉ. विनोद ने बताया कि रविवार को आयोजित ५ व्याख्यानों में डॉ. अजय लोगानी ने नॉन सर्जिकल मेनेजमेन्ट ऑफ लार्ज प्रिन्सिपल लेसन ऑफ इंडोडोन्टिक्स आर्गन पर अपना व्याख्यान दिया। जयपुर से आए डॉ. दीपक राय सिंघानिया ने एडो डोन्टिक्स में रूड केनाल्ड़, फिलिंग, केप आदि के जरिये दांतो की जड़ो का इलाज करने विधि बताते हुए कहा कि रोटरी एडोडोन्टिक्स की नई पद्धति से कम समय में बेहतर उपचार के परिणाम मिल रहे है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली दंत शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र के डॉ. विजय प्रकाश माथुर ने बी.डी.ए. कार्यक्रम के पश्चात डेन्टल विद्यार्थियो के लिए देश और विदेश में भविष्य के अवसर पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। राजकोट गुजरात से आए डॉ. निगम बुच ने डेन्टल इनप्लांट के आस-पास हड्डी निर्माण (बोन ग्राफटिंग) डालने की पद्वति पर चर्चा करते हुए बताया कि दांतो की मजबूती के लिए जबड़ो के आस-पास की बीमार व खराब हड्डीयों निकाल कर शरीर के दूसरे भाग की स्वस्थ्य हड्डी या सेन्थिटिक्स हड्डी को सर्जरी से इनप्लांट किया जा सकता है। इसमे पीजोटोन अल्ट्रासोनिक बोन सर्जरी की नयी तकनीक का बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है। डॉ. अजित शालिगराम ने रूड़ केनाल्ड उपचार में निर्णय लेने के विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि रूड़ केल्नाड़ सर्जरी पहले डॉक्टर मरीज के दांतो की सही स्थिति पता करके और मरीज को विश्वास में लेकर बेहतर परिणामों के साथ उपचार कर सकते है। कांफ्रेस के सफल समापन में डॉ. ललित माथुर, डॉ. एम.एस. नाहर, डॉ. ए. भगवानदास राय, डॉ. विवेक शर्मा, कांफ्रेस सचिव डॉ. शिवराम चौधरी, डॉ. विनोद पुनाना, डॉ. संदीप जैन, डॉ. अमित एवं डॉ प्रीत जैन आदि का सक्रिय सहयोग रहा। (आयोजन सचिव डॉ. निखिल वर्मा)