उदयपुर। इस बार उदयपुर शहर भाजपा में कुछ अच्छा होता दिखाई नहीं दे रहा है। कभी दिग्गजों द्वारा पार्टी में ही समकक्ष संगठन खड़ा करके विरोध करना, कभी समिति अध्यक्षों का पद से इस्तीफा देना, कभी महापौर और पार्शदों के बीच तकरार होना, तो कभी पार्टी के ही पार्षदों पर पार्टी में दलित होने पर उपेक्षा करने के आरोप लगाना। इससे तो यही लगता है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी में भारी अन्तर्कलह देखा जा रहा है। नगर निगम में वार्ड सात के पार्षद बाबूलाल कटारा ने दलित होने के चलते बीजेपी के पदाधिकारियों पर भेदभाव करने के गंभीर आरोप लगाये है । पार्षद कटारा का मानना हैकि वह दलित हैं, इसलिए नगर – निगम के पार्षदो और वरिष्ठ नेताओं की नजर में उनका सम्मान नहीं है। कटारा ने आरोप लगाया कि गुरुवार को मंडल अध्यक्ष अतुल चण्डालिया व निर्माण समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने दौरा किया था, लेकिन उन्हें बुलाया तक नहीं गया। आपको बता दे कि वार्ड सात के रहवासियों ने पार्टी को शिकायत की थी कि काम नहीं होने की वजह से जनता परेशान है। वहीं भीमराव अम्बेडकर मंडल अध्यक्ष अतुल चंडालिया को भी बहुत सी शिकायतें मिली तो उन्होंने निर्माण समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी को सूचना देकर वार्ड में जनता की तकलीफे सुनने के लिए बुलाया। उनके साथ चंडालिया सहित भाजपा ओबीसी मोर्चा शहर उपाध्यक्ष ऊंकार ओड़, पूर्व पार्षद कमलेश जावरिया आदि भी थे। लेकिन क्षेत्रीय पार्शद नदारद रहे। बाद में पार्षद कटारा ने मीडिया से बातचीत में साफ किया कि उन्हें इस दौरे के दौरान नहीं बुलाया गया, जबकि वह इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि हैं। कटारा ने कहा कि वह दलित हैं, इसलिए उपेक्षा की जा रही है।
भाजपा के पार्षद ने लगाया आरोप – दलित हूँ इसलिए भेदभाव किया जारहा है।
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