यूनिवरसिटी के पढ़े-लिखे छात्रों ने की अनपढ़ों जैसी गलती

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mlsuउदयपुर। लोकतंत्र का पहला प्रशिक्षण माने जाने वाले छात्रसंघ चुनावों में केन्द्रीय व संघटक कॉलेजों में हुए मतदान के खारिज हुए मतों को देख कर लगता है की कॉलेज में पढने वाले ये छात्र कैसे अशिक्षितों जैसी गलती करते हैं। पढ़े-लिखे अनपढ़ों की वजह से छात्रसंघ चुनाव के दौरान कुल मतदान के 20 प्रतिशत मतदाताओं ने अशिक्षित जैसी गलती कर गए। केंद्रीय कार्यकारिणी के लिए 485 वोट रिजेक्ट हुए। कॉमर्स कॉलेज में सर्वाधिक 233 मत खारिज माने गए।
सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय एवं उसके संघटक कॉलेजों में गत 26 अगस्त को हुए मतदान के दौरान बेलेट पेपर से मत डाल रहे वोटर छात्रों ने ठीक से मुहर नहीं लगाई, जिससे वे किसी भी प्रत्याशी को नहीं चुन सके। चुनाव अधिकारी द्वारा ऐसे मतों को रिजेक्ट कर दिया गया। मुख्य चुनाव अधिकारी शंकरलाल चौधरी ने बताया कि वोटरों को प्रत्याशी के नाम के आगे बने कॉलम में चिन्ह लगाना था लेकिन कई छात्र मतदाता दोनों प्रत्याशी के बीच खाली जगह पर सील लगा गए ऐसे मतों को निरस्त माना गया। वहीं कई विद्यार्थियों ने सील के साथ हस्ताक्षर व वोट क्रमांक लिख दिया जिसे भी रद्द माना गया।
पढे लिखे 20 प्रतिशत अशिक्षित : सुविवि के केंद्रीय छात्रसंघ के चुनावों में 11646 मतदाता थे, जिनमें से 55.77 प्रतिशत मतदान हुआ। केंद्रीय कार्यकारिणी के लिए 6,456 मत पड़े। इन मतों का 19. 30 प्रतिशत मतदाताओं ने ऐसी गलतियां की जो उन्हें अनपढ़ बताती है। केंद्रीय छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ। उपाध्यक्ष पद पर 201, संयुक्त सचिव पद पर 166 व महासचिव पद पर 118 मत कुल 485 मत खारिज माने गए। इसके अलावा संघटक कॉलेजों में हुए चुनाव के दौरान आर्टस कॉलेज में 97 मत निरस्त हुए जिनमें अध्यक्ष पद पर नौ, उपाध्यक्ष पद पर 23, महासचिव पद पर 33, संयुक्त सचिव पद पर 32, विधि महाविद्यालय में 71 मत जिनमें अध्यक्ष पद पर 14, उपाध्यक्ष पर 16, महासचिव पर 22 व संयुक्त सचिव पर 19 मत निरस्त माने गए। सर्वाधिक मतदाता वाले कॉमर्स कॉलेज में 233 मत खारिज हुए। जिसमें सर्वाधिक संयुक्त सचिव पद पर 96 मत, अध्यक्ष पर 39, उपाध्यक्ष पर 53 व महासचिव पर 45, विज्ञान महाविद्यालय में 71 मतदाता के द्वारा दिए मत किसी प्रत्याशी के काम नहीं आए। जिनमें अध्यक्ष के लिए 13, उपाध्यक्ष 18, महासचिव व संयुक्त सचिव के लिए 20-20 मत किसी प्रत्याशी के पक्ष में नहीं गए और छात्र मतदाताओं की गलतियों के चलते निरस्त माना गया। मुख्य चुनाव अधिकारी शंकरलाल चौधरी ने बताया कि छात्रसंघ चुनावों के लिए हुए मतदान में एक बात और सामने आई। बेलेट पेपर में क्रनोटाÓ को शामिल नहीं किया गया था, परंतु मतगणना के कई मत ऐसे भी पाए गए जिनमें विद्यार्थियों ने क्रकोई उपयुक्त नहींÓ लिखकर किसी भी प्रत्याशी के समर्थन में वोट नहीं दिया।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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