गुरूवार को मतदान शुरू होने के ठीक पहले भाजपा से निष्कासित और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि पुलिस उनके समर्थकों को प्रताडित कर रही है।
जसवंत ने यह भी आशंका जताई कि मतदान के दौरान बीजेपी समर्थक फर्जी मतदान और बूथ कैप्चरिंग कर सकते हैं। जसवंत ने चुनाव आयोग से अपील की है कि बयातू और गुढ़ामलानी चुनाव क्षेत्रों को अति-संवेदनशील घोषित किया जाए।
जसवंत सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जसोल की एक होटल मे छापेमारी की जिसमें उनके समर्थक सेवानिवृत जस्टिस देव नारायण थानवी, प्रोफेसर आरपी सिंह और जोधपुर के पूर्व महापौर राजेन्द्र कुमार गहलोत मौजूद थे। जसवंत के अनुसार इन तीनों को जसोल छोड़ने की धमकी दी गई। जब थानवी और सिंह ने पुलिस से पूछा कि उन्हें किस कानून के तहत जसोल छोड़ने को कहा जा रहा है तो पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। हालांकि गहलोत को तुरंत जगह छोड़नी पड़ी।
जसवंत सिंह ने कहा कि यह पूरी तरीके से अस्वीकार्य है। कोई भी कानून पुलिस अधिकारी या एसडीएम को यह अधिकार नहीं देता कि वह शांतिपूर्वक अपने कमरे में बैठे लोगों को चले जाने को कहे।
मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का हो रहा उल्लंघन
जसवंत के एक इलेक्शन एजेंट ने एक अलग शिकायत में आरोप लगाया कि बीजेपी के राज्य सभा सांसद नारायण पंचारिया और बीजेपी के अन्य नेता कुलदीप धाकड़ बाड़मेर में रहकर चुनाव से संबंधित प्रबंधन देख रहे हैं जो चुनाव नियम और आचार संहिता का उल्लंघन है। एजेंट ने आरोप लगाया कि ये दोनों नेता मतदाताओं को धमका रहे हैं और प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। यह भी आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है। इस शिकायत में भी बड़े स्तर पर बूथ कैप्चरिंग होने की आशंका जताई गई है।