‘सखी परियोजना’ ने आदिवासी महिलाओं को सिखाया मोमबत्तियां बनाना

Date:

रोटरी मेवाड़ ने 500 मोमबत्तियां बनाने के लिए दिया 1.50 लाख रु. का ऑर्डर

20150826_140957उदयपुर। राजस्थान का आदिवासी क्षेत्र सदैव अपनी संस्कृति और पारम्परिक कला के लिए जाना जाता है। राजस्थान के उदयपुर जिले से 45 किलोमीटर दूर जावर की आदिवासी महिलाओं को हिन्दुस्तान जिंक ‘सखी परियोजना’ के अंतर्गत सुगन्धित मोमबत्तियां बनाने का कार्य सिखाया जा रहा है। मोमबत्तियां बनाने की प्रक्रिया में सबसे पहले मोम के छोटे-छोटे टुकड़े करना, इण्डक्षन चूल्हे पर वांछित तापमान पर उबलना, मोमबत्ती के आकार के अनुरूप रंग एवं इत्र का प्रयोग करना और अंत में मोमबत्ती धागा रखकर सांचे में गर्म मोम डालने का कार्य इन ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। ये आदिवासी महिलाएं अपने नये विचारों से मोमबत्तियों में प्राकृतिक रंग के लिए हल्दी एवं करी पत्ती का प्रयोग कर रही है। इन महिलाएं द्वारा सीखने के पश्चात् बिक्री योग्य सुगन्धित मोमबत्तियां बना रही है।

इस कार्यषाला की संचालन षिखा बोम्ब ने बताया कि सबसे पहले 18 आदिवासी महिलाओं को एकत्रित करने में बहुत कठिनाई आयी जो अलग-अलग स्थानों पर दूर-दूर तक रहती है जहां यातायात के साधन भी नहीं है। इस कार्यषाला में उन महिलाओं ने भाग लिया जो मोमबत्तियां बनाने में रूचि रखती है। षिखा ने बताया कि हिन्दुस्तान जिं़क महिलाओं को जावर ‘सखी’ प्रषिक्षण केन्द्र पर आने-जाने के लिए यातायात साधन की व्यवस्था कर उनकी समस्या का समाधान किया।

हिन्दुस्तान ज़िक के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेषन एवं ‘सखी’ प्रोजेक्ट ने बताया कि ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं द्वारा बनाई गई मोमबत्तियों की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही है। 1000 मोमबत्तियां बनाने का पहले ही ऑर्डर मिला चुका है तथा दिपावली के अवसर पर और ऑर्डर मिलने की संभावना है। सबसे पहले लगभग 500 मोमबत्तियां बनाई गयी जिनकी बिक्री भी हो गई है। अब इन महिलाओं को रोटरी मेवाड़ से 1.50 लाख रुपये की 500 मोमबत्तियां खरीदने का ऑर्डर भी मिला है। उन्होंने बताया कि सखी के कई सदस्यों ने छोटी एवं बड़ी मोमबत्तियां खरीदने के लिए सदस्यों से मिल रहे हैं।

रोटरी मेवाड़ के अध्यक्ष हंसराज चौधरी ने ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं द्वारा बनाई गयी सुगन्धित मोमबत्तियों की प्रषंसा की और 500 मोमबत्तियां खरीदने का ऑर्डर भी दिया। रोटरी मेवाड़ ने हमेषा इस तरह के प्रयासों का समर्थन किया है।

‘सखी’ पुष्पा, संतोष, मधु, अनीता, गायत्री, सुगना एवं कई जो इस परियोजना से जुड़ी हुई है, तथा सुगन्धित मोमबत्तियां बनाने के कार्य से बहुत खुष है तथा सभी कुछ नया करने की इच्छा रखती हैं। महिलाओं ने कहा कि हमारे घरों के लिए भी सुगन्धित मोमबत्तियां बनाने जा रही हैं।

कंपनी अपनी इकाईयों के आस-पास के क्षेत्रों में विषेष रूप से राजस्थान के जिलों में ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं को सषक्तीकरण के लिए विषेष ध्यान दिया जाता है। हिन्दुस्तान जिं़क अपनी परियोजना ‘सखी’ के तहत मसाले बनाना, फैषनी कपड़े बनाने, घर साज-सज्जा के सामान, यूनीफार्म बनाना, पेपर-क्रॉफ्ट, चटाई बनाना, पापड़ बनाना तथा जूट के सामान बनाने के साथ विभिन्न समूहों को विकसित कर रहा है। परियोजना के माध्यम से उत्पादों की विपणन एवं बिक्री करना भी सुनिष्चित किया है। पवन कौषिक ने बताया कि इन उत्पादों का या तो कंपनी के कर्मचारियों द्वारा उपयोग किया जा रहा है और समुदाय से कन्फर्म ऑर्डर मिल रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

हिन्दुस्तान जिंक के स्वास्थ्य अभियान के तहत विश्व स्तनपान सप्ताह आयोजित

हिंदुस्तान जिंक, द्वारा स्वास्थ्य अभियान के तहत् विश्व स्तनपान...

हिंदुस्तान जिंक द्वारा खनन कार्यों में आंतरिक प्रतिभा के कौशल एवं अवसर वृद्धि हेतु जावर में ‘हिंदुस्तान जिंक माइनिंग अकादमी’ का शुभारंभ

इस अनूठी पहल से भूमिगत खदानों में जंबो हेल्पर्स प्रमाणित ऑपरेटर बन सकेंगे - पांच महीने तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 16 सप्ताह का क्लासरूम इंस्ट्रक्शन शामिल होगा उदयपुर, 30 जुलाई, 2022: देश की एकमात्र और विश्व...

हिन्दुस्तान जिंक की आरडी माइन को स्वास्थ्य एवं सुरक्षा हेतु सिल्वर अवार्ड

हिन्दुस्तान जिंक के दरीबा स्मेल्टिंग काॅम्प्लेक्स के राजपुरा दरीबा...