डूंगरपुर, उत्तर भारत के आदिवासियों का महाकुम्भ कहा जाने वाला परम्परागत बेणेश्वर महामेला माघ शुक्ल एकादशी, ३ फरवरी को शुरू होगा। यह मेला बांसवाडा और डूंगरपुर जिलों की सीमा पर माही एवं सोमजाखम नदियों के पवित्र जल संगम तीर्थ पर डूंगरपुर से ६५ किलोमीटर दूर बेणेश्वर धाम पर आयोजित होगा।
बेणेश्वर धाम पर स्थित राधाकृष्ण मंदिर पर शुक्रवार को ध्वजारोहण से आरंभ होने वाले इस महाकुंभ के तहत मुख्य मेला माघ पूर्णिमा के दिन ७ फरवरी को भरेगा, जिसमें राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात सहित देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्घालु हिस्सा लेंगे और वागड अंचल के मेलार्थियों सहित पांच लाख से ज्यादा मेलार्थी एकत्रित होंगे। मेलार्थी बेणेश्वर के पवित्र जल संगम तीर्थ में पवित्र डुबकी लगाने के अलावा अपने मृत परिजनों की अस्थियों का विसर्जन करते हैं और पितरों की स्मृति में तर्पण आदि विधान पूरे करते हैं। ये मेलार्थी देव-दर्शनादि के उपरान्त मेला बाजारों से खरीदारी, लोकानुरंजन संसाधनों से मनोरंजन और मेला गतिविधियों में उल्लास के साथ हिस्सा लेते हैं।