-छतरियां तो हैं, लेकिन लगाने की व्यवस्था नहीं
Report – मनीष गौड़
उदयपुर। चिलचिलाती धूप, हर तरफ सडक़ों से उड़ती धूल और ट्रैफिक की चीची पोंपों। इन सबके बावजूद रोड के बीच खड़े होकर घंटों ट्रैफिक चलाना पड़ता है उन्हें। तभी तो सिटी की ट्रैफिक पुलिस दमा और बहरेपन की शिकार हो रही है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि हर तीसरा ट्रैफिक पुलिस वाला किसी न किसी बीमारी का शिकार है या होने जा रहा हैं।
धूप में करते हैं घंटों की नौकरी
हाल में सिटी के 24 चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लग रही है। दो-चार चौराहों को छोड़ दें, तो किसी भी चौराहे पर आईलैंड नहीं हैं। इसके चलते कांस्टेबल तेज धूप में खड़े होकर ट्रैफिक चलाने के लिए मजबूर हो गए हैं।
हाइवे पर और आफत
ट्रैफिक पुलिस से बात की, तो पता चला कि वे हाइवे पर ड्यूटी करने से कतराते हैं। इसका कारण है रोजाना हाइवे से निकलने वाले हजारों की सख्यां में बड़े वाहनों की तेज ध्वनि। इससे कांस्टेबल में बहरेपन की बीमारी बढ़ रही हैं। लगातार आठ घंटे चौराहे पर खड़े होने से सिपाहियों में चिढ़चिढ़ापन भी बढने लगा है। ट्रैफिक पुलिस की चौराहे व हाइवे पर 8-8 घंटे की शिफ्ट में सिपाही यातायात चला रहे हैं।
इस धूल से करते हैं तौबा
शहर के कई चौराहे पर खोदी गई सडक़ों के कारण वहां से उडऩे वाली धुल साथ में वाहनों से निकलने वाला काला धुआं ट्रैफिक कांस्टेबल्स को बीमार कर रहा है।
पीने का पानी भी नहीं
हाल ही में एक ट्रैफिक हवलदार से बातचीत में पता चला कि शहर के चौराहे पर पीने का पानी भी समय पर नहीं मिल पाता हैं। घंटों बिना पानी के चौराहों पर नौकरी करनी पढती हैं। काफी समय तो चौराहों पर बनी दुकानों में पानी मंगवाकर पीना पढ़ता हैं।
ये हो रही हैं बीमारियां
1. स्किन प्रॉब्लम
2. आंखों में जलन
3. कम सुनाई देना
4. जुकाम-खांसी बढऩा
5. एलर्जी की प्रॉब्लम
6. सांस की बीमारी
वर्जन…
विभाग में सभी के लिए छतरियों की व्यवस्था उपलब्ध हैं, अगर किसी को इस प्रकार की जरूरत हो, तो वो विभाग से छतरी ले सकता है। साथ ही पानी के कैंपर भी चौराहें पर सुविधा के अनुसार मगाएं जा सकते हैं। उसका भुगतान विभाग के द्वारा किया जाएगा।
-महेंन्द्रसिंह, ट्रैफिक डिप्टी