उदयपुर। संगठन पर दोस्ती भारी है, और यह बात पिछले चार सालों से सिद्ध करते आरहे है केम्पस के चार दोस्त जो पिछले चार सालों से मोहनलाल सुखाड़िया विश्व विद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष बनते आरहे है। ये चारों दोस्त चाहे किसी भी संगठन से जुड़े हुए रहे लेकिन अपनी दोस्ती पर कोई आंच नहीं आने दे रहे। कई बार संगठन को एक तरफ रख कर अपने दोस्त का हर हाल में हर साल में समर्थन और सहायता करते आरहे है, इसी के बल बुते पर चाहे इन दोस्तों को किसी भी संगठन ने अपना प्रत्याशी बना के खड़ा किया हो लेकिन इन चारों ने अपनी दोस्ती के वादे को बखूबी निभाया है। ये चारों दोस्त है एमएलएसयू के वर्तमान अध्यक्ष हिमांशु चौधरी, इससे पहले अध्यक्ष रहे अमित पालीवाल, पंकज बोराणा और परमवीर सिंह।
चारों दोस्त अलग अलग संगठन से लेकिन दोस्ती में कही भी कड़वाहट नहीं आई, छात्र संघ चुनाव के दौरान कई बार ऐसा भी मौका आया की ये एक दूसरे के आमने सामने एक दूसरे के विरोध में नारे भी लगाए लेकिन लेकिन इसके बावजूद उसी शाम इनकी आपस महफ़िल भी सजी। कॉमर्स कॉलेज मे प्रथम वर्ष से साथ हिमांशु चौधरी, पंकज बोराणा और परमवीर सिंह गहरे दोस्त है। इसके बाद इनके ग्रुप में शामिल हुए अमित पालीवाल।
संगठन अलग फिर भी एक :
चुनाव के समय अलग अलग छात्र संगठन से जुड़े ये चारों दोस्त अलग अलग संगठन से अध्यक्ष बने परमवीर सिंह व् अमित पालीवाल सीएसएस से अध्यक्ष बने तो पंकज बोराणा एबीवीपी और हिमांशु चौधरी एनएसयूआई। संगठन की बाध्यताओं के चलते चुनाव के दौरान भले ही इन्होने एक दूसरे का साथ खुल कर साथ नहीं दिया हो लेकिन एक दूसरे के विरोधी कभी नहीं रहे। कभी एक दूसरे के विरोध में आमने सामने खड़े नहीं हुए, और एक दूसरे के चुनाव के दौरान हर संभव मदद भी की। आज भी चारों के संगठन अलग है लेकिन दोस्ती उसी तरह कायम है। चाहे संगठन के राज आपस में नहीं बांटे हो लेकिन दोस्तों की बाते और सुख दुःख आज भी हर शाम शेयर होते है।
ये भी दोस्ती :
१७ दिन बाद होने वाले चुनाव में एबीवीपी ने सोनू अहारी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है । सीएसएस ने गौरव शर्मा को। जबकि सीएसएस से मयूर ध्वज सिंह भी दावेदार थे लेकिन उन्होंने सोनू आहारी से अपनी दोस्ती के चलते पहले ही तय करलिया था की यदि सोनू अहारी एबीवीपी से खड़े होते है तो वे उनके विरोध में खड़े नहीं होंगे और हुआ भी ऐसा ही।
राजनैतिक संगठनों पर भारी है इनकी दोस्ती
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